*छटे नवरात्रि पर विशेष: आज माँ कात्यायनी का पर्व है कैसे करें पूजा अर्चना*
नवरात्रि पर्व में छठा नवरात्रा मां कात्यायनी का दिन माना जाता है इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है तथा निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ . कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।1
कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है। मां कात्यायनी की साधना का समय गोधूली काल है। इस समय में धूप, दीप, गुग्गुल से मां की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
माँ कत्यायनी की पूजा में नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है. मां की पूजा आरंभ करने से पूर्व एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां को स्थापित करें. पूजा में पांच प्रकार के फल, पुष्प, मिष्ठान आदि का प्रयोग करें. आज के दिन पूजा में शहद का विशेष प्रयोग किया जाता है. छठे दिन माता कात्यायनी को पीले रंगों से श्रृंगार करना चाहिए।
मां कात्यायनी करती हैं विवाह में आने वाली दिक्कतों को दूर
मान्यता है कि मां कात्यायनी विवाह में आने वाली बाधाओं को भी दूर करती हैं. नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कत दूर होती हैं. एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बृज की गोपियों ने माता कात्यायनी की पूजा की थी. माना जाता है कि माता कात्यायनी की पूजा से देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और कन्याओं को अच्छे पति का वरदान देते हैं।
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः
जय माता दी