*पालमपुर के साहित्यकार अर्जुन देव कनौजिया का अक्समात दुखद निधन*
हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग धर्मशाला से सीनियर सुपरिंटेंडेंट के पद से सेवानिवृत्त महान साहित्यकार श्री अर्जुन देव कनौजिया अब हमारे बीच नहीं रहे । विगत शाम लगभग 7:00 बजे वे इस नश्वर संसार से अलविदा होकर परमपिता परमात्मा की गोद में समा गए।
वह 82 वर्ष के थे। वह अपने पीछे 3 पुत्रों का भरा पूरा खुशहाल परिवार छोड़ गए हैं। कनौजिया जी ने स्वास्थ्य विभाग में काफी वर्षों तक अपनी सेवाएं दी तथा रिटायर होने के बाद भी वह खुद को एकदम से स्वस्थ और एक्टिव रख रहे थे वह हमेशा सुबह सुबह सैर करते हुए देखे जाते थे तथा मेरे अंतरंग मित्रों में से थे
उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय अर्जुन देव कनौजिया उच्च कोटि के साहित्यकार थे। उनकी अंग्रेजी और हिंदी के साहित्य पर मजबूत पकड़ थी। वह बड़े बड़े कवि सम्मेलनों में भी हिस्सा लिया करते थे ।अंग्रेजी और हिंदी में उनकी कई रचनाएं, कई पुस्तकें प्रकाशित हुई तथा उनका विधिवत विमोचन भी हुआ ।
जनता ने उनकी रचनाओं को दिल से सराहा। अंत समय तक वह लेखन का कार्य सुचारू रूप से करते रहे ।
वह एक बहुत ही मिलनसार, परिश्रमी, कर्तव्यनिष्ठ व हँसमुख व्यक्तित्व के स्वामी थे।
साहित्य के क्षेत्र में दिए गए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा ।
उनकी धर्मपत्नी का लगभग 6 वर्ष पूर्व देहावसान हुआ था।
वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। आज दोपहर बाद नाले मंदिर के जीवन मृत्यु स्थल पर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।
उनकी दुखद मृत्यु पर अनेक सामाजिक संस्थाओं, साहित्यकारों, कवियों , सगे संबंधियों व मित्रों व उनके कई राजनीतिज्ञों ने गहरा दुख जताया है तथा परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की है।
वह पूर्व विधानसभा स्पीकर श्री बृज बिहारी लाल बुटेल के सहपाठी रहे थे। श्री बुटेल ने भी उनकी दुःखद मृत्यु पर गहरा शोक जताया है।
Tct दिवंगत आत्मा की शांति हेतु परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता है। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिवार को इस गहरे दुख से उबरने में शक्ति प्रदान करें।
ॐ शान्ति!