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*Golok Express:- मानसिक स्वास्थ्य को समझने के लिए हम मस्तिष्क को दो भागों में बांट सकते हैं :- मन और बुद्धि*

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प्रिय पाठको पिछले लेख में हमने गोलोक एक्सप्रेस के संपूर्ण स्वास्थ्य और संपूर्ण खुशी नामक एक मॉडल के पहले अंक यानी कि आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा की थी आज हम दूसरे अंक यानी कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करेंगे

मानसिक स्वास्थ्य :-
मानसिक स्वास्थ्य को समझने के लिए हम मस्तिष्क को दो भागों में बांट सकते हैं :- मन और बुद्धि |
मन हमारी भावनाओं का विभाग होता है जो अक्सर अस्थिर रहता है जबकि बुद्धि तार्किक और विवेकशील सोच का विभाग होता है | आदर्श रूप से अच्छा मान मानसिक स्वास्थ्य तब माना जाता है जब बुद्धि एक अच्छे माता पिता की भूमिका निभाती है और मन एक अनुशासित बच्चे की तरह व्यवहार करता है | यानी की बुद्धि का मन पर नियंत्रण होना |
लेकिन ज्यादातर समय मन एक जिद्दी बच्चे की तरह काम करता है और बुद्धि की सुनता ही नहीं है | जब हमारा मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है तो हम अनुभव करते हैं कि हमारी इच्छा शक्ति कमजोर हो जाती है , आलस्य आ जाता है, फैसलों में नकारात्मक विचार सकारात्मकता पर हावी हो जाते हैं | हम बहुत कुछ सोचने लगते हैं लेकिन वास्तविक रूप में कुछ भी नहीं कर पाते हैं और इसलिए जीवन में स्थितियां इतनी अस्त-व्यस्त हो जाती हैं कि उन्हें संभालना बहुत ही मुश्किल हो जाता है |
यानी कि मन बुद्धि के नियंत्रण से बाहर हो जाता है |
जब हम खुद को आध्यात्मिक मजबूती देने की दिशा में अपना समय समर्पित करना शुरू करते हैं, भगवान खुद हमारी बुद्धि में आकर बैठ जाते हैं और दृढ़ता से मार्गदर्शन करते हैं ताकि हमारा मन अनुशासन में रहकर कार्य करे , इससे हमें अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होने लगता है और धीरे-धीरे हमारी बुद्धिमत्ता हमारे मन को नियंत्रण में करना शुरू कर देती है | जब हम निरंतर सत्संग साधना और सेवा की पालना करते हैं तो सदाचार स्वता ही हमारे व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाता है और हमारे व्यक्तित्व में यह विशुद्ध परिवर्तन अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने में सहायता करता है |
प्रिय पाठको अगले लेख में हम संपूर्ण स्वास्थ्य के तीसरे अंक यानी शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करेंगे |शारीरिक स्वास्थ्य क्या होता है? आध्यात्मिक स्वास्थ्य तथा मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में कैसे सहयोग करते है ? अगर आप हमारी तरह घर बैठे बैठे सत्संग श्रवण कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं तो यूट्यूब पर गोलोक एक्सप्रेस नामक चैनल को सब्सक्राइब कीजिए | आपको सोमवार से शुक्रवार सुबह 5:30 से 6:30 a.m. लाइव सत्संग मिलेगा जिसमें सोमवार को महान कवियों द्वारा रचित दोहों की व्याख्या की जाती है , मंगलवार को रामायण की कथा, बुधवार , वीरवार और शुक्रवार को श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन करवाया जाता है तथा शनिवार और रविवार को रात 8:00 बजे समग्र शिक्षा के ऊपर सत्संग करवाया जाता है | आप फेसबुक पर भी गोलोक एक्सप्रेस नामक पेज पर जाकर सत्संग का लाभ उठा सकते हैं तथा 7018026 821 पर संपर्क करके भी अपने वक्त और सुविधा अनुसार घर बैठे बैठे श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन कर सकते हैं |
गोलोक एक्सप्रेस में आइए दुख दर्द भूल जाइए एबीसीडी की भक्ति में लीन होकर नित्य नित्य आनंद पाइए |

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