*बरसात के वाद दस किलोमीटर लम्बा शिखर पहाड़ी पर स्थित सिद्ध शक्ति पीठ मां आदि हिमानी चामुण्डा मन्दिर का सोलर लाईटों से जगमगाएगा रास्ता :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक*
बरसात के वाद दस किलोमीटर लम्बा शिखर पहाड़ी पर स्थित सिद्ध शक्ति पीठ मां आदि हिमानी चामुण्डा मन्दिर का सोलर लाईटों से जगमगाएगा रास्ता :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक….…..
यह जानकारी देते हुए समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने बताया कि उन्होंने मुख्यमन्त्री श्री जय राम ठाकुर जी की सेवा में पत्र प्रेषित कर आग्रह किया था कि वर्षों से आदि हिमानी चामुण्डा मन्दिर के चल रहे निर्माण कार्य की मोका पर प्रगति समीक्षा की जाए । दूसरा यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन व माथा टेकने आते हैं लेकिन मन्दिर तक जाने वाले इस जटिल एवं दर्गम मार्ग पर यात्रियों को रात के अंधेरे में बेहद परेशानी का सामना करना पडता है। पूर्व विधायक ने बताया कि इस पत्र को मुख्यमन्त्री महोदय ने आगामी उचित कार्य वाही हेतु उपायुक्त कांगड़ा की सेवा में प्रेषित कर दिया था । आगे उपायुक्त महोदय का मानना था कि माता के कई भक्त है क्यों न इन सोलर लाईटों को विकास में जन सहयोग के तहत लगाया जाए । इस तरह उपायुक्त महोदय के आदेश पर समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था ने स्थानीय ग्रांम पंचायत बडसर के प्रधान स्वरुप चनद व पंचायत सचिव मोहिन्द्र सिंह के सहयोग से मां के भगतों के माध्यम से 101 सोलर लाईटों का पैसा पिछले दिनों जिलाधीश के कार्यालय में जमा करवा दिया था । इस तरह जिलाधीश डा निपुण जिन्दल जी द्वारा इस पावन एवं पवित्र कार्य वास्ते अपने पत्र क्रमांक कांगड़ा / योजना/ बी एम जे / 1776 दिनांक 22- 07- 22 के तहत 101 सोलर लाईटों हेतु धन राशि स्वीकृत करने के लिए पूर्व विधायक ने तहेदिल से आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया है।इस सुअवसर पर पूर्व विधायक ने कहा कि वह पहले ही कई बार कह चुके हैं ओर बतौर विधायक प्रयास भी किये है सर्वप्रथम इस मन्दिर का चामुण्डा नन्दिकेश्वर न्यास के साथ विलय करवाया ,फिर यहाँ हैली टैक्सी सेवा शुरू करवाई यहाँ तक कि इस मन्दिर को रज्जू मार्ग से जोडने के लिए सर्वे करवाया । ऎसे में अगर सरकार जरा सी भी रुचि ले तो यह मन्दिर वैष्णो देवी माता जी की तर्ज पर जिला कांगड़ा का सबसे बडा धार्मिक पर्यटन उधोग बन सकता है। पूर्व विधायक ने कहा कि अव स्थानीय पंचायत के ही सहयोग से एक कमेटी का गठन करके माता के मन्दिर तक जाने वाले इस उबड खाबड़ रास्ते पर मां के भगतों के ही सोजन्य से उनके नाम के संगमरमर के पत्थर अर्थात चक्के लगाने के प्रयास होंगे ।