पाठकों के लेख एवं विचार

पाठकों के लेख*आम_आदमी_पार्टी_के_नेता_अरविंद_केजरीवाल_एक_चतुर_राजनेता* लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार

 

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25 अगस्त 2022– (#आम_आदमी_पार्टी_के_नेता_अरविंद_केजरीवाल_एक_चतुर_राजनेता)-

आम आदमी पार्टी से बेशक आप असहमति रखते होंगे लेकिन आप देश की राजनिति मे उसकी प्रासंगिकता की अनदेखी नहीं कर सकते। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जहां राजनीति के जादूगर है वहीं वह अति चतुर व्यक्ति है। वह आप पार्टी के सर्वे सर्वा है। उन्हे राजनीति का जादूगर इसलिए माना जाता है कि उन्होने दस वर्ष के अल्प समय मे दो राज्यों दिल्ली और पंजाब मे दो- तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकारें बनाने मे सफलता प्राप्त की है। आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के बहुत निकट पहुंच चुकी है। हालांकि आजकल आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरती नजर आ रही है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री जेल मे बंद है और पार्टी के डिप्टी समझे जाने वाले मनीष सिसोदिया शराब और आबकारी नीति के चलते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे है। स्मरण रहे सीबीआई ने दिल्ली के उप -मुख्यमंत्री के खिलाफ एफ आई आर पंजीकृत की है। चतुर केजरीवाल को सीबीआई या ई डी से कोई खतरा नहीं है।

केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बने है, लेकिन वह ऐसे मुख्यमंत्री बने है जिनके पास कोई भी विभाग नहीं है। इससे बड़ी चतुराई क्या हो सकती है कि उनके पास शक्तियां सारी है लेकिन बतौर मंत्री जवाबदेही कोई नहीं है। अच्छा हुआ वह केजरीवाल साहब ने किया जो गलत हुआ और पकड़ा गया उसकी जवाबदेही मनीष सिसोदिया या मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों की है। वह ऐसे मुख्यमंत्री है जो फाइल पर हस्ताक्षर ही नहीं करते और हमेशा हस्ताक्षर करने से बचते है। अभी दिल्ली के एल जी विनय कुमार सक्सेना ने उनके हस्ताक्षर न करने का संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को चिट्ठी भेजकर कहा है कि मुख्यमंत्री बिना हस्ताक्षर के मंजूरी के लिए फाइले न भेजें। एल जी साहब ने मुख्यमंत्री जी का कार्यालय प्रक्रिया नियमावली 2022 की ओर ध्यान भी आकर्षित करवाया है। असल मे केजरीवाल आई आर सर्विस के पूर्व अधिकारी है और वह फाइल की पेचीदगियों को भलीभांति समझते है। इस समझ का लाभ लेते हुए ही उन्होंने यह कार्यपद्धति अपनाई है। मेरे विचार मे वह कानूनी तौर पर भले बच जाए लेकिन यदि मनीष सिसोदिया पर आरोप साबित होते है तो केजरीवाल उसकी नैतिक जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगें और उन्हे इसकी राजनैतिक कीमत जरूर अदा करनी होगी।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है। सोफत सोलन

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