*गुप्त_दान_महा_कल्याण!!!! लेखक:- महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
19 सितंबर 2022 – (#गुप्त_दान_महा_कल्याण)-
गत दिनो मै भागवत कथा का श्रवण कर रहा था। कथा वाचक जी कथा मे गुप्त दान को प्रोत्साहित कर रहे थे। वह अपने वचनो मे समझा रहे थे कि दान की तुलना मे गुप्त दान से कहीं अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। वैसे भी कथन असली दान वह जो एक हाथ से दिया जाए लेकिन दुसरे हाथ को पत्ता न चलें, लेकिन कथा वाचक के कथन को राजनैतिक दान पर लागू नहीं किया जा सकता, इसलिए राजनीतिक दान को गुप्त रखने को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी गई है। स्मरण रहे यह गुप्त दान चुनावी बांड के तौर पर दिया जाता है। याचिकाकर्ताओं ने इस योजना को चुनौती देते हुए कहा है कि पूरी प्रक्रिया गुमनाम है, कयोंकि राजनैतिक दलों को पैसे के स्रोत दिखाने की जरूरत नहीं है। हालांकि सरकार ने तर्क दिया है कि इस योजना मे पैसे के ब्लैक होने की संभावना नहीं है क्योंंकि पैसा चैक द्वरा दिया जाता है, लेकिन एक जानकार के अनुसार इस योजना को सफेद धन को काले धन मे परिवर्तित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कुछ राजनैतिक दल 10% कमीशन पर चैक लेकर नगद वापस कर देते है। इस प्रकार 20% टैक्स की बचत हो जाती है, परन्तु अभी यह छोटे स्तर पर हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसमे पारदर्शिता की कमी मानते हुए 2019 मे निर्देश दिया कि राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के बारे मे चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करना होगा। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार 19 राजनैतिक दलों को चुनावी बांड के मध्यम से धन प्राप्त हुआ है। इस योजना की 68% के साथ सबसे बड़ी लाभार्थी भाजपा है और उसके बाद कांग्रेस लाभार्थी है, लेकिन उसकी हिस्सेदारी केवल 11.3 % है। खैर इस योजना के आलोचकों का कहना है कि योजना भ्रष्टाचार का बड़ा कारण बन सकती है। क्योंकि यह सारी योजना राजनैतिक दलो और कार्पेट मे गुप्त लेन देन की बुनियाद पर खड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे आज के लिए सुनवाई हेतु सुचिबद्ध किया है। कानूनविद और विश्लेषक इस गुप्त चंदे को जांच के दायरे मे आने की उम्मीद कर रहे है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।