HimachalMandi/ Palampur/ Dharamshala

*सरकार ने देश से टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है, और 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है*

1tct
Tct chief editor

पालमपुर, 2 अक्टूबर

सरकार ने देश से टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है, और 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गुरुदर्शन गुप्ता ने आज रोटरी क्लब पालमपुर द्वारा गोद लिए 25 टीबी रोगियों के लिए पोषण फ़ूड बास्केट वितरित करते हुए कही। उन्होंने
बताया कि हाल ही में देश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया गया है। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी मे निक्षय मित्र योजना की शुरुआत की गई है। और रोटरी क्लब पालमपुर ने टीबी के खिलाफ जनभागीदारी सुनिश्चित करके अहम भूमिका निभाई है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गुरुदर्शन गुप्ता ने बताया कि टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं। इसके लिए सरकार “निक्षय मित्र” बनने का मौका दे रही है। अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं। और निक्षय मित्र योजना की पूरी प्रक्रिया मरीज की इच्छा और उसकी सहमति पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि निक्षय मित्र योजना के तहत सामुदायिक सहयोग प्राप्त करने के लिए इच्छुक जिले के मरीजों से सहमति प्राप्त की जा रही है। मरीजों की सहमति प्राप्त करते हुए उनका डिटेल्स निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ आर के सूद जिला टी.बी. अधिकारी ने बताया कि जिला कांगड़ा में 1192 टीवी मरीजों ने अपनी सहमति दी है और और उनमें से 402 टीवी मरीजों को नि:क्षय मित्र के साथ लिंक कर दिया गया है I उन्होंने रोटरी पालमपुर के प्रयासों की सराहना की व् सभी से अपील की कि वह भी इस अभियान में आगे आए और निश्चय -मित्र बनकर टीबी की रोगियों की मदद करें, ताकि हम जिला कांगड़ा को टीबी रोग मुक्त बना सके ।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत रोटरी भवन पालमपुर मे प्रेसिडेंट विकास वासुदेवा ने बताया कि टी बी उन्मूलन के महा अभियान में रोटरी पालमपुर ने निक्षय मित्र के रूप मे 25 मरीजो को गोद लेकर 6 माह तक पोषण फ़ूड बास्केट देने का निर्णय लिया है। जिसकी पहले माह की बास्केट आज वितरित की जा रही है उन्होंने कहा कि रोटरी पालमपुर के सदस्य न केवल पोषण देकर, मरीजों का मनोबल बढ़ाने हेतु प्रयास करेंगे ताकि वे पूर्ण रूप से अपना दवाई का कोर्स पूरा कर सकें व् रोग से छुटकारा पा सकें।। इस मौके पर रोटरी क्लब के सदस्यो के साथ ब्लॉक मेडिकल अफसर डॉ के एल कपूर,डॉ नवीन राणा,डॉ दिलावर सिंह व डॉ अनुपमा सिंह के साथ मेडिकल विभाग के अजय सूद,सुचि दीक्षित,रोजी भी उपस्थित रही।
बॉक्स
रोटरी क्लब पालमपुर द्वारा गोद लिए टीबी रोगियों के लिए फ़ूड बास्केट उपलब्ध करवाने हेतु निक्षय मित्र के रूप में विकास वासुदेवा,नितिका जम्वाल,विजय नागपाल,प्रदीप करोल,मनोज कुँवर,राघव शर्मा,विनय शर्मा,पंकज जैन,अर्चना सुनील नागपाल,सतीश करवाल,अजित बाघला,संदीप कक्कड़, संजीव बाघला,अरुण व्यास,राजेश सूद,संदीप राणा,डॉ आदर्श, डॉ राजेश सूद, डॉ राकेश कपिला, शिवम सूद,धरमिंदर गोयल,अनिल नाग,अमित वासुदेवा,ऋषि संगराय,वाई एस धालीवाल,कौस्तब गोयल, डॉ जतिंदर पाल, साहिल चित्रा,रजित चित्रा ने अपना सहयोग दिया।

बोक्स : निःशुल्क आधुनिक जाँच सुविधा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गुरदर्शन गुप्ता ने उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि उन्होंने बताया कि टी बी उन्मूलन हेतु ज़िला में सप्ताह के हर रविवार को आशा वर्कर्स द्वारा घर घर जाकर टी बी मरीजों का पता लगाया जा रहा है जिससे टी बी ग्रसित मरीजों का आसानी से और जल्दी पता लगाया जा सके। 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार, वजन कम होना गांठों में सूजन की समस्या टीबी की बीमारी होने के संकेत हैं । उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को तुरंत समीप के चिकित्सा केंद्र में जाकर परामर्श व जांच करवानी चाहिए ।
इसके साथ ही उन्होंने आधुनिक जाँच सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जो स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क उपलब्ध हैं। सी बी नैट/ ट्रू नैट की मशीन से 2 घण्टे में ना केवल टीबी की बीमारी का पता लगता है, अपितु यह भी पता चल जाता है कि यह साधारण टीबी है या बिगड़ी हुई टीबी है। मरीज को दूर नहीं जाना पड़ता व नजदीकी अस्पताल से ही आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से जांच के नमूने भिजवाने की व्यवस्था भी की गई है जिससे मरीज खर्चे और परेशानी से बच सकता है। उन्होंने आहवान किया की 2 सप्ताह से अधिक खाँसी वाले व्यक्ति तुरन्त नजदीकी संस्थान मे सम्पर्क करें।
बोक्स : भ्रांतियों को दूर करना होगा
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर राजेश सूद ने बताया कि अक्सर देखने को मिलता है कि कुछ रोगियों और समुदायों में टीबी कि बीमारी को लेकर हीन भावना है और लोग इस बीमारी को कलंक के रूप में देखते हैं। यह भ्रम दूर करना होगा। सभी को यह जानकारी होनी चाहिए कि टीबी के कीटाणु हर तीसरे व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। किसी कारणवश जब किसी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। ये सभी बातें लोगों तक पहुंचने के बाद ही टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में या शहरी क्षेत्रों में भी लापरवाही की वजह से टीबी के मरीज बीच में ही अपना इलाज छोड़ देते हैं। टीबी के वायरस कई प्रकार के होते हैं, ऐसे में इनके इलाज और दवा भी अवधि भी अलग होती है और व्यक्ति के खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है, जिससे उसके अंदर संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इलाज पूरा न होने और दवा सही समय पर न खाने से मरीज के अंदर का टीबी वायरस खत्म नहीं होता और दूसरे भी संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में सरकार की गोद लेने की यह पहल भारत को टीबी मुक्त करने में बड़ा योगदान देगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button