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*Golok Express: नाम जाप और इसके लाभ*

Tct chief editor

प्रिय पाठको
हर इंसान का जीवन में एक ही उद्देश्य होता है कि उसे संपूर्ण खुशी मिले और संपूर्ण खुशी हमे आध्यात्मिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक स्वास्थ्य   और परिवारिक स्वास्थ्य में संतुलन बनाने से मिलती है जिसके लिए जरूरी है कि हम आध्यात्मिक जीवन के चार स्तंभों के बारे में विस्तार से जाने  यानी कि सत्संग, साधना ,सेवा और सदाचार | पिछले कुछ लेखो में हमने सत्संग ,ऑनलाइन सत्संग के फायदे, साधना ,साधना के महत्वपूर्ण अंग नाम जाप के भौतिक   फायदों के बारे में विस्तार से चर्चा की थी |        आज हम  ‘नाम जाप’ के आध्यात्मिक फायदों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे —-
कलयुग में मुक्ति का एकमात्र साधन है ” हरी नाम ”  | भगवान के नामों का बार-बार उच्चारण करना ही नाम जाप होता है | उदाहरण तय  ” हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे”
इस महामंत्र में कृष्ण नाम का मतलब है “आकर्षित करने वाला” और राम का मतलब है “आनंद की खान”  और हरे शब्द भगवान की अंतरंग शक्ति यानी कि श्री राधा रानी को दर्शाता है | जिस प्रकार सूर्य व सूर्य की रोशनी ,चांद और चांदनी , पानी और शीतलता , उसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी का संबंध है | राधा रानी भगवान की लीला में भगवान श्री कृष्णा जी की सेवा में उन्हें खुश करने के लिए अपार  प्रेम करती हैं और शुद्ध भक्ति को दर्शाती है | इसलिए श्री चैतन्य महाप्रभु के अनुसार अगर हम प्रभु श्री कृष्णा से अपना संबंध मजबूत बनाना चाहते हैं तो हमें राधा रानी की शरण लेनी चाहिए और उनसे शुद्ध भक्ति मांगनी चाहिए | हमारी जिंदगी का एकमात्र लक्ष्य प्रभु श्री हरि की सेवा  मे तन ,मन, धन न्यौछावर  करना, हर कर्म प्रभु  सेवा में समर्पित करना होना चाहिए |  इसलिए हमें नित्य निरंतर बिना किसी सांसारिक इच्छा से प्रभु नाम भजना चाहिए | अगर हम नित्य निरंतर हरि नाम लेते हैं तो हमें संसार में रहकर भी सांसारिक जीवन से वैराग्य मिलता है ,भौतिक वस्तुओं का मोह समाप्त होता है और भगवान  की दिव्य कथाओं में रुचि बढ़ती है , विनाशकारी गतिविधियां अपने आप कम होने लगती हैं और भगवान के प्रति प्रेम के उत्तम रस की प्राप्ति होने लगती है, चिंताएं अपने आप समाप्त होने लगती हैं, चिंतन बढ़ता है और हरी नाम से मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है, नाम जाप से हम खुद को जानने में सक्षम होते हैं, हमें अपने अंदर की कमियां साफ-साफ दिखने लगती है और नाम जाप के प्रभाव से हम उन कमियों को दूर करने में भी सक्षम हो जाते हैं जिसके फलस्वरूप हमारे जीवन में बहुत सारे सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और हमें यह एहसास होता है कि जो खुशी हम संसार में ढूंढते हैं वह हमारे अंदर ही है लेकिन जब तक हम भगवान की शरण में नहीं होते हैं, तब तक हमें उस खुशी का अहसास ही नहीं होता |  नाम जाप हमारी अंतरात्मा का  आध्यात्मिक आहार है , जिससे हमें अलौकिक आनंद मिलता है | नाम जाप से हमें आत्म  बल मिलता है जिससे हमारी इंद्रियां हमारे वश में रहती हैं और धीरे-धीरे हमें समझ आता है कि गोलोकधाम ही हमारा असली घर है, जहां हमें भगवान की दिव्य लीलाओं का भरपूर आनंद मिलेगा  | इसलिए हमें श्री राधा रानी और भगवान श्री हरि से यही प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान जैसे भी हालात हो, सुख हो चाहे दुख हो, बीमारी हो चाहे बुढापा हो, अमीरी हो या गरीबी हो , हमें शुद्ध भक्तों का साथ देना, प्रेमा भक्ति देना,  मेरी अंतिम सांस तक मेरी जिव्हा  पर सिर्फ आपका ही नाम हो , अगर मैं भूल भी जाऊं तो आप मेरा हाथ पकड़ कर रखना, हे  मेरे नाथ मैं आपको कभी भूलूं नहीं, हमेशा याद रखूँ | मेरे जीवन का एक ही लक्ष्य हो  “हर कर्म में आपकी खुशी” | मैं आपकी खुशी में ही परम आनंद की अनुभूति करूँ, गोलोक धाम में आपकी दिव्य लीलाओं में आपके साथ एक अहम हिस्सा बनूं और नित्य निरंतर भजता रहूं ——-
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
या फिर  हमारे जो भी ईस्ट है, हम भगवान के जिस भी रूप की आराधना करते हैं, हम जिस भी मंत्र का जाप करते हैं जैसे ओम नमः शिवाय, राम राम राम राम ,ओम नमो भगवते वासुदेवाय या फिर हमने जिन भी गुरु जी की दीक्षा ली है और जो भी  मंत्र हमारे गुरु जी द्वारा दीक्षा मे दिया गया है, हमें उस मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा , निष्ठा और विश्वास के साथ करना चाहिए | नाम जाप करने वाला मनुष्य हमेशा अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है और खुशी-खुशी अपने सांसारिक यात्रा पूरी करके भगवान के दिव्य धाम को प्राप्त करता है | वह कर्मों के बंधन में नहीं बंधता और उसका मन विषय विकारों से मुक्त होता है  |
तुलसीदास जी का एक बहुत ही प्यारा दोहा है

“तुलसी मेरे नाम को रीझ  भजो या खीझ
भोम पड़ा जामे सभी उल्टा सीधा बीज ”

अर्थात जब भूमि में बीज बोए जाते हैं तो यह नहीं देखा जाता कि बीज सीधे पड़े हैं या उल्टे लेकिन समय आने पर सभी बीज अंकुरित होते हैं | ठीक इसी प्रकार नाम जाप कैसे भी किया जाए , उसका फल अवश्य मिलता है | भगवान हमेशा खुश होते हैं | इसलिए चाहे हमारा मन लगे या ना लगे हमें हमेशा नित्य निरंतर नाम जाप करते रहना चाहिए क्योंकि
” राम जाप है सरल समाधि
हरे सब आधी व्याधि उपाधि
रिद्धि सिद्धि नव निधान
दाताराम है सब सुख खान ”
अर्थात नाम जाप करने वाले मनुष्य भगवान के अति प्रिय होते हैं और भक्तों के सभी दुखों को हरते हैं या दुखों को सहन करने की क्षमता देते हैं | नाम जाप से मनुष्य समभाव में रहना सीखते हैं | उनके ऊपर सुख या दुख का कोई असर ही नहीं होता है | इसलिए हमें हमेशा भगवान का नाम जाप करते हुए हमेशा उन की शरण में रहना चाहिए |
अगर आप भी हमारी तरह घर बैठे बैठे सत्संग श्रवण कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं तो यूट्यूब पर गोलोक एक्सप्रेस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए | आपको सोमवार से शुक्रवार सुबह 5:30 से 6:30 a.m. लाइव सत्संग मिलेगा जिसमें सोमवार को महान कवियों द्वारा रचित दोहों की व्याख्या की जाती है  | मंगलवार को रामायण की कथा तथा बुधवार , वीरवार और शुक्रवार को श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन करवाया जाता है तथा शनिवार और रविवार को रात 8:00 बजे समग्र शिक्षा के ऊपर सत्संग करवाया जाता है | आप फेसबुक पर भी गोलोक एक्सप्रेस पेज पर जाकर सत्संग का लाभ उठा सकते हैं तथा 701802 6126 पर भी संपर्क करके अपने वक्त और सुविधा अनुसार घर बैठे बैठे श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन कर सकते हैं |

ना शस्त्र पर ना शास्त्र पर ना धन पर ना ही किसी युक्ति पर मेरा जीवन तो आश्रित है प्रभु केवल और केवल आपकी कृपा शक्ति पर🙏

Dr. Nikhil Gupta

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