*केन्द्र_सरकार_पी_ओ_के_पर_बड़ी_कार्रवाई_करने_के_लिए_बना_रही_बड़ी_योजना* लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
24 नवम्बर 2022- (#केन्द्र_सरकार_पी_ओ_के_पर_बड़ी_कार्रवाई_करने_के_लिए_बना_रही_बड़ी_योजना) –
गृहमंत्री अमित शाह के संसद मे पी.ओ.के को लेकर कड़े तेवर थे जिसमे उन्होने कहा जब मै जम्मू-कश्मीर कहता हूँ तो पी.ओ.के को उसमे शामिल करता हूँ। जब विपक्ष के किसी एक सदस्य ने उनके कथन पर टिप्पणी की तो अमित शाह बिफर गये और कहा कि पी.ओ.के के लिए जान दे देंगे क्योंकि हम इसको भारत का अभिन्न अंग मानते है। उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण भी अमित शाह के स्टैंड को अनुमोदित कर रहे है। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक के अनुसार 3 नवम्बर को हिमाचल प्रदेश के कांगडा मे रक्षा मंत्री एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान भीड़ मे से लोगो ने कहा- पी.ओ.के भी अब भारत मे चाहिए। इस पर रक्षा मंत्री ने कहा – धैर्य रखिए, धैर्य रखिए। राजनाथ सिंह हिमाचल के वीर जवानों को लेकर बात कर रहे थे।
स्मरण रहे पी.ओ.के को लेकर संसद मे प्रस्ताव पास हो चुका है, जिसमे एक बार फिर से भारत ने पी.ओ.के पर अपना अधिकार जताया है। सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पी.ओ.के पर बड़ा ब्यान देते हुए कहा कि भारत सरकार जब आदेश देगी, सेना पी.ओ.के पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है। मेरे विचार मे इसमे कोई दो राय नहीं है कि पी.ओ.के जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है उसको मिला कर ही पूर्ण जम्मू-कश्मीर माना जाएगा और वह भारत का है और भारत को ही मिलना चाहिए, लेकिन इसके लिए देश के नेतृत्व के पास राजनैतिक इच्छा शक्ति होना अति जरूरी है। अच्छी बात यह है कि वर्तमान प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी गृहमंत्री मे वह इच्छा शक्ति है। वह जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा कर अपने आप को साबित कर चुके है। वैसे भी राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि 2024 से पहले पी.ओ.के को लेकर कोई बड़ी कार्रवाई होती है तो चुनावों मे भाजपा को बड़ा लाभ मिल सकता है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।