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*Editorial: देहरा रोड़ पर क्रैश बैरियर तथा स्पीड ब्रेकरज बना चर्चा का विषय*

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रानीताल से लेकर नैनपुखर तक सड़क के किनारे क्रैश बैरियर लगाए गए क्रैश बैरियर सड़क के किनारे पर लगने के बजाय कांट्रेक्टर की सुविधा के अनुसार बिल्कुल सड़क से सटाकर लगाए गए हैं और बैरिकेड से पीछे कहीं-कहीं तो तीन-चार फीट तक जगा छोड़ दी गई है ताकि ठेकेदार को ज्यादा मेहनत ना करनी पड़े। पता नहीं यह क्रैश बेरियरज किन मापदंडों के तहत लगाए गए हैं। क्रैश बैरियर लगाने का मकसद होता है कि सड़क सुरक्षा बढ़े परंतु जिस तरह से यह क्रश वेरियरस लगाए गए हैं उससे लगता है कि सुरक्षा की जगह एक्सीडेंट होने की ज्यादा चांस होंगे, क्योंकि रोड कहीं-कहीं बहुत तंग हो गया है। इसी तरह से इसी रोड के पैच पर स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं जो कि इतनी खतरनाक ढंग से है बनाये गये हैं कि आप जीरो की स्पीड में भी 2,3 इंच ऊपर उछले बिना नहीं रह सकते। यह स्पीड ब्रेकर ना होकर लोगों कर लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं और इतने अधिक स्पीड ब्रेकर लगा दिए गए हैं कि इन स्पीड ब्रेकर्स को देखकर कुछ नौजवान ड्राइवर स्पीड ब्रेकर से पहले ही अपनी स्पीड बढ़ा देते देते हैं ताकि उन्हें कम से कम झटके महसूस हो ।
इन स्पीड ब्रेकर्स की वजह से एंबुलेंस में जाने वाले मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है विशेष रुप से जो सीरियस मरीज होते हैं उन्हें तो जैसे उनके दुख में दोगुना इजाफा हो जाता है।
सोचिए कोई फ्रैक्चर का मरीज हो और वहां पर उसे इस स्पीड ब्रेकर पर 4 इंच का झटका लग जाए तो उसके फ्रैक्चर का क्या हाल होगा यह आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं ।ऐसा नहीं है कि स्पीड ब्रेकर नहीं होने चाहिए परंतु स्पीड ब्रेकर केवल मात्र स्पीड को तोड़ने करने के लिए होनी चाहिए हड्डियों को तोड़ने के लिए नहीं ।
स्पीड ब्रेकर कांगड़ा डिवीजन द्वारा भी लगाए गए हैं परंतु वह इतने समूथ और सही ढंग से लगाये गए हैं कि ड्राइवर को स्पीड कम करने की जरूरत पड़ती है बढ़ाने की नहीं, और पता भी नहीं चलता कि कब स्पीड ब्रेकर क्रॉस हो गया। कहां तो एक तरफ नितिन गडकरी जी कह रहे हैं कि हमारी सड़कें सुरक्षित और सुविधाजनक होनी चाहिए और स्पीड ब्रेकर इस तरह से होने चाहिए कि चलाने वाले और सवारियों को पता भी ना चले कि स्पीड ब्रेकर कब क्रॉस हो गया। और यहां है कि इन स्पीड ब्रेकर्स की वजह से लोगों को टेंशन हो रही है और कुछ लोग स्पीड ब्रेकर को क्रॉस करने के चक्कर में अपनी स्पीड दोगुनी करके दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। एंबुलेंस के ड्राइवर से बात करने पर पता चला कि कई बार उन्हें स्पीड ब्रेकर का ध्यान नहीं रहता क्योकि एंबुलेंस की स्पीड ज्यादा होती है इसलिए एंबुलेंस में मौजूद मरीजों को बहुत दिक्कत होती है और वह जोर से चीखने लगते हैं।
लेकिन विभाग को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता उन्हें तो अपने हिसाब से और कुछ विशेष लोगों की सहूलियत के लिए ही कार्य करना है। आम जनता की सहूलियत और सुरक्षा के लिए नहीं।
crash barrier तथा स्पीड ब्रेकर देहरा रोड पर एक चर्चा का विषय बना हुआ है।pics are symbolic

 

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