Golok Express *व्रत की परिभाषा*
ओम नमो भगवते वासुदेवाय 🙏🙏🙏
श्रीमद् भगवत् गीता की जय🙏🙏🙏🙏
” व्रत की परिभाषा ”
प्रिय पाठकों पिछले कुछ लेखों में हम ने यह समझने की कोशिश की कि संपूर्ण खुशी पाने के लिए हमें पूर्ण रूप से स्वस्थ रहना होगा जिसके लिए हमने आध्यात्मिक जीवन के चार स्तंभ यानि कि सत्संग ,साधना, सेवा और सदाचार के बारे में जाना | इनमें से हम सत्संग, सत्संग के लाभ, साधना का अर्थ और साधना के महत्वपूर्ण अंग जैसे – नाम जाप और भोग के बारे में विस्तार से चर्चा कर चुके हैं | साधना अर्थात अभ्यास, जो साधक भगवान के साथ अपना संबंध मजबूत बनाने के लिए गतिविधि करता है, उसे साधना कहते हैं | यह प्रत्येक व्यक्ति का अपना अभ्यास होता है | जिस प्रकार स्कूल में अध्यापक बच्चों को पढ़ाते हैं और अपने पढ़ाए गए विषय के बारे में घर में होमवर्क देते हैं, ताकि वह बच्चा उस विषय को ठीक प्रकार से समझ सके , उसी प्रकार नव साधक के लिए सत्संग स्कूल की पढ़ाई है और साधना होमवर्क है, इसलिए साधना साधक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है| परंतु जब भी हम लोग साधना के बारे में विचार करते हैं तो ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि साधना सांसारिक कर्त्तव्यों के साथ करनी असंभव है, परंतु यह हम लोगों की बहुत बड़ी गलत अवधारणा है | हम लोग गृहस्थ जीवन के कर्त्तव्यों को निभाते हुए साधना के माध्यम से भगवान के साथ अपना संबंध मजबूत कर सकते हैं | इसीलिए आज हम साधना के अन्य महत्वपूर्ण अंग व्रत के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसका पालन गृहस्थ जीवन में बहुत आसान है |
हमारा मन एक अनियंत्रित घोड़े की तरह होता है और इस प्रकार के मन को नियंत्रित करने के लिए हम अलग-अलग प्रकार से साधना कर सकते हैं | इसी कड़ी में व्रत भी साधना का बहुत महत्वपूर्ण अंग है | व्रत अर्थात उपवास , व्रत का शाब्दिक अर्थ है भगवान के समीप रहना | लेकिन आमतौर पर हम लोग व्रत का मतलब हमेशा कुछ न खाने से समझते हैं और अगर कभी कभार गलती से मुंह में अन्न का एक दाना भी चला जाए , तो हम उसे व्रत का टूटना कहते हैं | यह हमारी बहुत बड़ी गलत अवधारणा है | व्रत का मतलब होता है- “संकल्प लेना या प्रतिज्ञा लेना” | वह संकल्प जो हमें प्रभु के नजदीक ले जाए और भौतिक संसार के माया जाल से दूर ले जाए, वह संकल्प व्रत कहलाता है और जो भी संकल्प हमसे तामसिक गुणों का त्याग करवाकर प्रभु श्री हरि के नजदीक ले जाए, वह भी व्रत है। व्रत का असली मतलब इंद्रियों को अपने वश में करना है और आत्मा को हरि नाम की ज्यादा से ज्यादा खुराक देना है। प्रभु को पाने के लिए जो कुछ भी हमें छोड़ना पड़े अगर हम यह संकल्प लेते हैं कि हम उस वस्तु का त्याग करेंगे तो वह भी बहुत प्यारा व्रत होगा।
उदाहरणतया-अगर हम सुबह उठकर किसी दिन यह संकल्प लेते हैं कि आज मैं किसी की निंदा नहीं करूँगा वह भी एक प्रकार का व्रत है |
अगर हम यह संकल्प लेते हैं कि फिजूलखर्ची नहीं करेंगे और उसी पैसे का उपयोग हम समाज कल्याण के लिए करेंगे तो यह भी व्रत है |
अगर हम किसी दिन उठकर यह संकल्प लेते हैं कि आज हम बेवजह फोन कॉल अटेंड नहीं करेंगे और उस समय का उपयोग आध्यात्मिक गतिविधियों में करेंगे, वह भी एक व्रत है।
अगर हम यह संकल्प लेते हैं कि रोज ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर सत्संग श्रवण करेंगे, यह भी व्रत है।
अगर हम किसी खास दिन में यह संकल्प लेते हैं कि आज मैं क्रोध पर काबू करूँगा तो यह भी एक तरह का व्रत ही है|
अगर हम टीवी न देखने का संकल्प लेते हैं यह भी व्रत है |
अगर हम यह संकल्प लेते हैं कि बिना वज़ह की गपशप् में कीमती वक्त बर्बाद नहीं करेंगे और उस वक्त में हम हरि नाम संकीर्तन करेंगे, वह भी व्रत है।
इस प्रकार जो भी गतिविधि हमारा भगवान के साथ संबंध मजबूत करती है, अगर हम उस गतिविधि को पूरा करने का संकल्प लेते हैं वह व्रत है। लेकिन हमारे लिए 24 घण्टे अपने मन को वश में करना बहुत मुश्किल है, इसलिए नव साधकों के लिए हमारी वैदिक संस्कृति में कुछ खास दिन है जिसमें संकल्प ले सकते हैं | इससे हमें इन विकारों पर धीरे-धीरे नियंत्रण पाने में सरलता अनुभव होगी जैसे शिवरात्रि, तीज, नवरात्रे ,कृष्ण जन्माष्टमी, हरियाली,भीष्म पंचक इत्यादि | इसी श्रेणी में भगवान विष्णु का बहुत प्रिय दिन है “एकादशी”| जो भी कृष्ण भक्त भगवान श्री हरि की प्रेमाभक्ति पाना चाहते हैं, उन्हें अपने गुरुओं के मार्गदर्शन में इस व्रत को करने का संकल्प अवश्य लेना चाहिए | इस व्रत के पालन से आध्यात्मिक , मानसिक और शारीरिक लाभ मिलते हैं |
अतः इस व्रत के पालन करने से पहले हम एकादशी व्रत की कथा और व्रत के लाभ के बारे में अगले लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे |
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न शस्त्र पर न शास्त्र पर न धन पर न ही किसी युक्ति पर, मेरा जीवन तो आश्रित है, हे प्रभु! केवल और केवल आपकी कृपा शक्ति पर।🙏
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ए बी सी डी की भक्ति में लीन होकर नित्य आनंद पाइए।
हरि हरि बोल 🙏🙏🙏🙏
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जय श्री राधे कृष्णा 🙏🙏बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण विषय 👌👌हरी हरी बोल जी