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Editorial by MN sofat*एग्जिट_पोल_सर्वे_की_विश्वसनीयता लगी दाव पर*

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07 नवम्बर 2022- (#एग्जिट_पोल_सर्वे_की_विश्वसनीयता लगी दाव पर)–

जब से एग्जिट पोल आया है लोगो मे यह चर्चा हो रही है कि क्या यह सही है या नहीं। कल 8 दिसंबर को मतगणना होगी जहां उम्मीदवारों की जीत हार का फैसला होगा वंही एग्जिट पोल कितने सही रहे इसका भी निर्णय हो जाएगा। पिछले कल आए एग्जिट पोल मे अधिकांश पोल सर्वे हिमाचल मे भाजपा की बढ़त के साथ भाजपा और कांग्रेस में काटें की टक्कर बता रहे है। एक बात बहुत रोचक है कि सारे मिडिया और सोशल नेटवर्किंग के अवलोकन करने पर यह बात ध्यान मे आती है कि जो आंकलन राष्ट्रीय चैनल कर रहे है। स्थानीय छोटे चैनल और स्थानीय पत्रकार उससे सहमत दिखाई नहीं दे रहे है। शिमला के एक वरिष्ठ पत्रकार ने एक पोस्ट सोशल नेटवर्किंग पर शेयर कर यह कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार एग्जिट पोल सर्वे वालो ने कोविड काल मे शुरू हुई घर से काम करने की परम्परा को निभाया है।

एग्जिट पोल करने वालो का मानना है कि हम एक साइंटिफिक तरीका अपना कर यह सर्वे करते है। उनका यह भी दावा है कि एग्जिट पोल सर्वे ओपिनियन पोल सर्वे से कहीं अधिक सटीक और विश्वसनीय होते है। यदि एग्जिट पोल सर्वे जो आए है उन्हे सही भी मान लिया जाए तो भी यह काटें की टक्कर दोनो पार्टियों के बीच बता रहे है और विंडो भी बड़ी बता रहे है। कुल मिला कर हिमाचल का एग्जिट पोल कोई साफ दिशा चुनाव परिणामों की बताने मे सफल नहीं रहा है, जबकि गुजरात के बारे मे एग्जिट पोल की स्पष्ट भविष्यवाणी है कि वहां अभी भी मोदी जादू बरकरार है और भाजपा एक बार फिर वंहा स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। एग्जिट पोल के पिछले इतिहास को परखने से पता चलता है कि कभी यह सर्वे सटीक रहे तो कभी बिल्कुल फेल हुए है। इनके बारे मे यह भी कहा जा सकता है कि “चल गया तो तीर नहीं तो तुका।”

Mohinder Nath Sofat Ex.Minister HP Govt.

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

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