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*व्यंग:14 फरवरी:लेखिका तृप्ता भाटिया*

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*व्यंग:14 फरवरी:लेखिका तृप्ता भाटिया*

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14 फरवरी आ रहा है खैर! अपन को क्या है
प्रेम के नाम पर मुझे सिर्फ प्रेम चोपड़ा और श्रद्धा के नाम पर मुझे सिर्फ श्रद्धा कपूर का पता है।

जैसे ही जनवरी समाप्त होने लगता है वैलेंटाइन का संक्रमण फैलना शुरू हो जाता है खासतौर पर अपने देश में इस सात दिवसीय महोत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इतना कि लोहड़ी और 26 जनवरी सरकारी कलेंडर को लाल करने के लिए है असली सुख तो फरवरी के त्योहारों में है। आपका पता नहीं पर
मुझे लगता है कि 14 से हमारे लोगों का जो भावनात्मक जुड़ाव है , उसी की वजह से 14 फरवरी , हमारे में इतना रच बस गई है
सबसे पहले तारीखें देखिये
14 जनवरी –मकर संक्रान्ति (पेंच लड़ाओ दिवस )
14 फरवरी — प्रेम दर्शाओ दिवस
14 अगस्त — पाकिस्तान चिलाओ दिवस
14 सितंबर — हिंदी को याद कर लो दिवस
14 नवंबर — प्रथम प्रधानमंत्री जन्म दिवस , बाल दिवस
मतलब प्रेम अपनी पराकाष्ठा पर पहुंचकर , बाल दिवस मनाने पर विवश कर देता है और वो भी ठीक नौ महीने बाद। हेना बोलो बोलो
खैर बात फिर करते है चौदह की
रामायण महाभारत काल में चौदह बरस का बनवास हुआ करता था , चौदह कोसी परिक्रमा करने की परंपरा रही है हमारे धर्म में और प्रेम में पड़े लोग बिना बनवास के ही ,अपने प्रिय के घर की परिक्रमा करते रहते हैं
फरवरी में चौदह दूनी अट्ठाइस दिन ही होतें है( लीव द लीप इयर ) चौदह के आधे ,मतलब सात यानि सात फेरों , सात वचनों , सात जन्मों का नियम वैलेंटाइन महोत्सव भी सात दिन का ही होता है।
कुछ साल पहले तक , कुत्ते के काटने पर चौदह इंजेक्शन ही लगवाने पड़ते थे मतलब ये कि कुत्ते ने काटा हो तो वैलेंटाइन डे के चक्कर में पड़ें वर्ना मन्ना डे का गाना सुनिये रस्में वादे प्यार वफा ,सब बातें है बातों का क्या !
अब महंगे इंजेक्शन लग रहे तो कम से काम चलाया जा रहा पर ये हलक(रेबीज) कंट्रोल ही नहीं हो रहा।
अब प्रेम में पड़े लोगों के चाहे 7 दिन करो चाहे 14 होगा वही जो मंजूर खुदा को होगा।
मार्च टैक्स वालों को जख्म भी दे जाता है जो 7 फरवरी से 14 फरवरी तक गिफ्ट देते ही हफ्ता निकाल देते हैं और रहते शून्य ही मतलब सिंगल उनको टैक्स में रिबेट दे सरकार।

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