*राहुल_गांधी_की_भारत_जोड़ो_यात्रा_पर_विशेष: लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
31 जनवरी 2023- (#राहुल_गांधी_की_भारत_जोड़ो_यात्रा_पर_विशेष)–
मै न तो राहुल गांधी की विचारधारा से सहमत हूँ और न ही जो भाषण उन्होने भारी वर्फबारी के दौरान और अपनी भारत जोड़ो यात्रा को समाप्त करते हुए दिया है उसका अनुमोदन करता हूँ, लेकिन भारत यात्रा को जिसका नेतृत्व राहुल गांधी ने किया है उसको विचारों की भिन्नता के चलते दर- किनार या खारिज नहीं किया जा सकता है। यह निश्चित तौर पर एक राजनेता द्वारा लोगो को मिलने और उन्हे समझने का बड़ा प्रयास था। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग 3220 किलोमीटर की यह यात्रा 146 दिनों मे कवर की गई है। राहुल गांधी और उनके साथियों ने प्रतिदिन औसतन 22 किलोमीटर पैदल चल यह यात्रा पूरी की है। शुरू से अंत तक 126 यात्री इसमे रहे जिनमे 35 महिला यात्री थी। इन यात्रियों की औसतन उम्र 38 वर्ष बताई गई है। इस यात्रा से राहुल ने राजनैतिक तौर पर क्या खोया और क्या पाया वह भविष्य के गर्भ मे है, लेकिन मेरे आंकलन के अनुसार इस यात्रा के माध्यम से उन्होने एक गंभीर राजनेता की छवि बनाने और पप्पू की छवि को तोड़ने मे सफलता जरूर पाई है।
भारत जोड़ो यात्रा के समापन का उनका भाषण मैने सोशल नेटवर्किंग पर सुना है। हालांकि मुझे नहीं लगता कि इतने बड़े अभियान के बाद उनका यही भाषण होना चाहिए था क्योंकि उन्होने लगभग उन्ही बातों को दोहराया जो वह यात्रा के दौरान कहते रहे है। वह अपने भाषण मे भावुक थे और प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर जरूर हमला बोल रहे थे, लेकिन भारी बर्फबारी के दौरान जिस साहस और दृढ़निश्चय के साथ वह भाषण दे रहे थे और उनके समर्थक भाषण सुन रहे थे वह निश्चित तौर पर प्रसंशनीय था। आज कल तो नेताओं के लिए भरी धूप मे वाटर प्रूफ टैंट लगा दिए जाते है। भले राहुल गांधी ने अपने भाषण मे भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य मोहब्बत बांटना बताया हो लेकिन यह सच्चाई है कि राजनीतिक व्यक्ति के हर एक काम की पृष्ठभूमी मे राजनीति रहती है। मेरी समझ मे इस यात्रा की समय सारणी यह बताती है कि इस यात्रा के अन्य कुछ भी उद्देश्य रहे हो लेकिन निश्चित तौर पर आयोजकों के ध्यान मे 2024 का लोकसभा चुनाव भी जरूर रहा होगा। यात्रा का समापन हो चुका है और लोकसभा चुनाव सामने है। लोकसभा परिणाम ही बता सकेंगे कि कांग्रेस ने राहुल गाधी के इस बड़े प्रयास से क्या खोया और क्या पाया है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।