16 मार्च 2023- (#प्रदेश_की_दयनीय_वितीय_स्थिति_पर_श्वेत_पत्र_लाएगी_सरकार)–
हिमाचल मे कांग्रेस की सरकार बने लगभग तीन मास हो गए है। कांग्रेस की सरकार को मीडिया ने सुख की सरकार का नाम दिया है। सुखविंदर सिंह सुख्खू जब से मुख्यमंत्री बने है वह प्रदेश के वित्तीय हालात के बारे मे ब्यानबाजी कर रहे है। यह कैसी सुख की सरकार है जिसने भाजपा सरकार द्वारा खोले गए अधिकांश संस्थान बंद कर दिए है। विधायकों को उनके क्षेत्र के लिए मिलने वाली विकास निधि पर रोक लगा दी है। सारे प्रदेश से पदों की रिक्तियों के समाचार आ रहे है। लौहल-स्पीति के कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर अपने क्षेत्र मे चल रही रिक्तियों को लेकर सार्वजानिक तौर पर रोष व्यक्त कर चुके है। सुख की सरकार और मुख्यमंत्री को कांग्रेस पार्टी की ही अध्यक्षा प्रतिभा सिंह सलाह दे चुकी है कि प्रदेश की वित्तीय संकट का रोना बंद किया जाए। यह अब मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि धन का प्रबंध करे और विकास को गति दे। अब सुख्खू सरकार प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की बात कर रही है।
मेरी समझ मे यह एक राजनैतिक मूव है। मुख्यमंत्री जी इस दयनीय आर्थिक स्थिति का ठिकरा भाजपा सरकार के सिर फोड़ने के लिए श्वेत पत्र लाने की बात कर रहे है। मेरे विचार मे श्वेत पत्र से कुछ भी हासिल नहीं होगा, क्योंकि यह सर्वविदित है कि प्रदेश पर भाजपा सरकार के समय ही लगभग 72000 करोड़ रूपए का कर्ज हो गया था, परन्तु यह भी आमजन के संज्ञान मे है कि यह सारा कर्ज जयराम सरकार के समय का नहीं है। इसमे पूर्व सरकारों का भी लगातार योगदान रहा है। उसमे वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल की सरकारें भी शामिल है। अब जब से सुख की सरकार बनी है यह भी ऋण लेकर ही काम चला रही है। सुख की सरकार पहले क्वार्टर मे लगभग 4500 करोड़ का कर्ज उठा चुकी है। अब जब सरकार श्वेत पत्र ला रही तो सुख्खू सरकार अपने इस कार्यकाल का जिक्र भी श्वेत पत्र मे करे और यह भी बताए कि उनकी सरकार के पास प्रदेश को आर्थिक संकट मे उभारने के लिए क्या योजना है अन्यथा श्वेत पत्र लाने का न कोई औचित्य नहीं है और न ही लाभ है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।