*कर्नाटक_मे_कांग्रेस_हिमाचल_फार्मूले_पर_लड़_रही_है_चुनाव* महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
18 अप्रैल 2023- (#कर्नाटक_मे_कांग्रेस_हिमाचल_फार्मूले_पर_लड़_रही_है_चुनाव)-
मुझे कर्नाटक की राजनीति की अधिक जानकारी नहीं है, न ही मेरे पास चुनावी हवा के रूख की जानकारी है। मीडिया के अवलोकन से यह बात समझ आ रही है कि जहां भाजपा नये चेहरो पर दांव खेल कर पुराने उम्मीदवारो के प्रति मतदाताओ की नराजगी से पार पाने की रणनीति पर काम कर रही है ,वहीं कांग्रेस हिमाचल को जीत दिलाने वाले फार्मूले को फिर से दोहराने का इरादा रखती है। कर्नाटक मे हालांकि ओ.पी.एस की गूंज हिमाचल की तर्ज पर सुनाई नही दे रही है, लेकिन कांग्रेस कर्नाटक मे भी लोकलुभावनवाद का सहारा लेते हुए मतदाताओ के लिए हिमाचल की तर्ज पर आकर्षक गारंटियाँ दे रही है। इन गारंटियों मे शामिल है:-
(1) गृह ज्योति के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ़्त बिजली
(2) गृह लक्ष्मी योजना के तहत परिवार की प्रत्येक प्रमुख महिला को 2000 रूपए प्रति माह
(3) अन्न भाग्य के तहत बी पी एल परिवार के प्रत्येक सदस्य को हर महीने दस किलोग्राम चावल दिया जाएगा
(4) युवा निधि के तहत बेरोजगार स्नातको को प्रति माह 3000 रूपए तथा डिप्लोमा धारको को दो साल के लिए 1500 रूपए दिए जाएंगे।
आज कल राहुल गाधी कर्नाटक के दौरे पर है। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार उन्होने “जय भारत की रैली के दौरान कहा कि इन योजनाओ को पहले ही दिन मंत्रीमंडल की बैठक मे मंजूरी दी जाएगी। यह बात सही है कि कांग्रेस ही नहीं भाजपा सहित सब राजनैतिक दल मुफ्तवाद को चुनावी जीत के लिए इस्तेमाल कर रहे है। हालांकि मुफ्तवाद का विरोध भी कुछ बुद्धिजीवीयों और अर्थशास्त्रीयों द्वारा किया जा रहा है। स्मरण रहे देश के सर्वोच्च न्यायालय मे मुफ्तवाद के खिलाफ एक जनहित याचिका भी विचाराधीन है। मेरी समझ मे मुफ्तवाद के सहारे भले राजनैतिक दल चुनाव जीत जाएगें लेकिन देश की आर्थिकी हार जाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस का हिमाचल का चुनावी फार्मूला कर्नाटक मे भी कामयाब होगा और वहां कांग्रेस हिमाचल की तर्ज पर भाजपा से सत्ता छीनने मे सफल होगी। हिमाचल मे भी कर्नाटक की तर्ज पर सभी गारंटियाँ पहले दिन पहली मंत्रीमंडल मे मंजूर करने की घोषणा की गई थी अन्तर केवल इतना है कि हिमाचल मे यह घोषणा बहन की थी और कर्नाटक मे यह घोषणा भाई द्वारा की जा रही है। मेरे विचार मे कर्नाटक के मतदाताओ को मत देने से पहले कांग्रेस की गारंटियों और पहले दिन मंजूरी की घोषणा की विश्वसनीयता और सत्यता का पत्ता हिमाचल के मतदाताओ से जरूर कर लेना चाहिए, क्योंकि मुझे लगता है कि चुनाव मे जो वायदे किए जाते है उनको पूरा कैसे किया जाएगा इसका कभी भी राजनैतिक दल गंभीर चिंतन नही करते है। सभी राजनैतिक दलो पर यह कथन सही बैठता है कि “हमारा ऐसा कोई सगा नही जिसे हमने ठगा नही”।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।