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*( माँ ) मातृ दिवस पर एक रचना :विनोद वत्स*

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( माँ )
मातृ दिवस पर एक रचना

माँ शब्द में वो अनुभूति है
जो किसी और शब्द में नही
माँ गंगा की तरह पवित्र
माँ हिमालय की तरह बलिष्ठ
माँ धरा की तरह अडिग
माँ समंदर सी गहरी
माँ आसमानी आँचल
माँ सूरज की तरह विशाल
माँ प्रकृति की तरह समर्पण
माँ चाँद तारों सी उज्जवल
माँ समय सी गतिमान
माँ लक्ष्मण का अभिमान
माँ परशुराम सी क्रोदित
माँ यशोदा सी वात्सल्य
माँ राम की तरह गंभीर
माँ  सन्नाटे की तरह मौन
माँ अमृत सी अमर
माँ संजीवनी सी चिकित्सा
माँ कौशल्या सी चिंतित
माँ जीवन की खुशी
माँ स्वर्ग का द्वार
माँ भाई बहन का प्यार
माँ गाय सी भोली
माँ अमृत की गोली
माँ सौंदर्य की प्रतिमा
माँ शब्दो के प्राण
माँ बच्चो की जान
माँ पिता से महान
माँ नई जान की जान
माँ पूर्ण रूप से भगवान
माँ को शत शत प्रणाम।

विनोद वत्स की कलम से

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