*पालमपुर बाजार में रेहड़ी फड़ी वालों से रेगुलर दुकानदार हुए परेशान*
पालमपुर बाजार में रेहड़ी फड़ी वालों से रेगुलर दुकानदार हुए परेशान
पालमपुर बाजार में कुछ अनऑथराइज्ड रेहड़ी फड़ी वालों से यहां के लोकल दुकानदार परेशान हो रहे हैं। अभी कुछ हफ्ते पहले तक पालमपुर के मे बाजार सोमवार के दिन सोम बाजार लगना शुरू हो गया था परंतु दुकानदारों के विरोध के कारण वह बंद करवा दिया गया ।अब कुछ दुकानदार विशेष रूप से सब्जी वालों का कहना है कि बाजार में कुछ अनऑथराइज्ड सब्जी वाले अपना धंधा सड़क पर बैठकर कर रहे हैं और जिससे रेगुलर सब्जी विक्रेताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ,क्योंकि उन लोगों को ना तो किराया देना है ना टैक्स देना है ना किसी तरह का कोई चंदा देना है ना व्यापार मंडल का कोई उनसे लेना देना है और ना ही व्यापार मंडल के किसी भी सहयोग राशि में वह अपना योगदान देते हैं बल्कि बाजार में खुलेआम सड़क पर नियमों की धज्जियां उड़कर अपना धंधा कर रहे हैं जिससे स्थानीय दुकानदारों में रोष है ।
फ्रूट सब्जी के होलसेल विक्रेता ,समाजिक कार्यकर्ता व व्यवसायी अश्विनी वासुदेवा जी का कहना है कि उन्होंने यह बात नगर निगम के संज्ञान में लाई है परंतु निगम है की सुनता ही नहीं। वैसे भी निगम स्थानीय लोगों की कम ही सुनता है वे तो केवल कंस्ट्रक्शन वर्क में बिजी है वासुदेवा जी का कहना है कि बाजार में स्ट्रीट लाइट फ्लड लाइट कोई काम नहीं करती।cctv कैमरा कहीं पर कार्य नहीं कर रहे हैं जहां जनता हित के कार्य हैं वह बिल्कुल नहीं देखे जा रहे। आम जनता की समस्याएं बड़े-बड़े ठेके लेना या देना नहीं होता आम आदमी की समस्या सड़क स्वास्थ्य बिजली पानी आदि होते हैं जो कि शायद निगम की प्राथमिकता की सूची में नहीं है ।उन्होंने कहा कि जो कार्य करवाए भी जा रहे हैं उसे पर निगम की निगरानी बिल्कुल नहीं है साइट पर क्या काम हो रहा है किस क्वालिटी और स्पेसिफिकेशन का हो रहा है इसकी निगम को परवाह नहीं उनका कहना था कि शहर के मेंन बाजार अस्पताल से लेकर सुभाष चौक तक कोई ऐसा स्थान नहीं जहां दुकानदार सही ढंग से शौचालय जा सके जबकि जो 1-2 शौचालय हैं वह इतनी गंदी हालत में है जिसका व्याख्यान करना अपने सिर के ऊपर कीचड़ फेंकने के समान है ।क्या कभी किसी पार्षद या ऑफिसर ने इन शौचालय का इस्तेमाल किया है अगर इन लोगों ने इन यूरिनल्स का इस्तेमाल किया होता तो शायद तभी इनको इन यूरिनल्स की हकीकत पता चलती ,जबकि करोड़ों रुपया शौचालय के निर्माण पर खर्चा गया है जिस पर बहुत शीघ्र ही निगम को स्वच्छता का अवार्ड मिलने वाला है।