Shimla Masjid news:*हिमाचल_में_मस्जिद_के_अवैध_निर्माण_को_लेकर_विवाद_और_बवाल* ,:Editorial Mahendra Nath Shaukat Ex minister
8 सितंबर 2024–(#हिमाचल_में_मस्जिद_के_अवैध_निर्माण_को_लेकर_विवाद_और_बवाल)–
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मे मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने को लेकर स्थानीय लोग सड़कों पर आ गए और हिन्दु संगठनो के हज़ारों समर्थकों और स्थानीय लोगो ने अवैध निर्माण और कथित अवैध गतिविधियों के विरोध मे प्रदर्शन किया। मेरी समझ मे अवैध निर्माण केवल जनाक्रोश का निमत मात्र है जबकि इस आक्रोश के कई गंभीर कारण है। असल मे पिछले दो दशक से बड़ी संख्या मे बाहरी राज्यों से लोग हिमाचल मे आ रहे है और स्थाई रूप से यहां बस रहे है। हालांकि कोई भी भारतीय नागरिक कहीं भी जा कर कानूनी तौर पर रह सकता है, लेकिन फिर भी जनसंख्या असंतुलन एक बड़ा मुद्दा है। हिन्दु संगठनो का आरोप है कि एक विशेष समुदाय के लोग एक योजना और षड्यंत्र के अंतर्गत हिमाचल और उत्तराखंड मे बस रहे है। वह लगातार अपनी संख्या बढ़ा रहे और मस्जिदो का निर्माण कर रहे है। हालांकी यहां गैर हिमाचली कृषकों जमीन-जायदाद खरीदने पर प्रतिबंध है लेकिन वह चोर दरवाजे से जमीन-जायदाद खरीद रहे है। वह जिस तरीके से यहां व्यापार कर रहे है उस पर भी प्रश्न खड़े हो रहे है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता कुशल जेठी ने कहा कि वह हज़ारों रूपए प्रतिदिन के हिसाब से दुकान किराए पर लेकर काम करते है और उनकी दिनभर की सेल दिन भर के किराए से भी कम है जो संदेह पैदा करता है और जाँच का विषय है। इस प्रकार कसुम्पटी के विधायक और मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी लैंड जिहाद और लव जिहाद का आरोप लगाया और प्रदेश के बाहर से आने वाले लोगो की गतिविधियों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।
मेरी समझ मे इस सारे विषय की विवेचना अति आवश्यक है। इस पर राजनीति तो नही होनी चाहिए लेकिन समाज और सरकार को सतर्क अवश्य रहना चाहिए। मेरे विचार शिमला मे प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की यह मांग अति न्यायोचित है कि बाहर से आने वाले लोगो की वेरीफिकेशन होनी चाहिए। इसी प्रकार अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त जमीन-जायदाद खरीदने के मामले मे नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। कुछ लोग अपनी पहचान छुपा के या पहचान बदल कर रहते है ऐसे लोगो के खिलाफ कानूनी प्रावधान के हिसाब से कार्यवाई होनी चाहिए। मेरा मानना है कि हिमाचल अपनी विशेष देव संस्कृति, परम्पराओं और रीति-रिवाजो के कारण देवभूमि कहलाती है। जनसंख्या असंतुलन का सबसे बड़ा खतरा देवभूमि की देव संस्कृति को हो सकता है। अभी कुछ नहीं बिगड़ा है सिर्फ सावधान रहने की जरूरत है और याद रखने की भी जरूरत कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।
#आज_इतना_ही।