*खबर का असर* *Most efficient officer in demand , Dr Ashish Sharma municipal commissioner Palampur*
"Palampur's Finest: Municipal Commissioner Dr. Ashish Sharma's Efficiency Wows


*खबर का असर* *Most efficient officer in demand , Dr Ashish Sharma municipal commissioner Palampur*

डॉ आशीष शर्मा म्युनिसिपल कमिश्नर पालमपुर एक ऐसे ऑफिसर हैं जो अपने कर्तव्य का निर्वहन बहुत ही ततपरता और ईमानदारी से करते हैं ।जिसका उदाहरण है अभी हाल ही में 12 सितंबर को ट्राई सिटी टाइम्स में एक न्यूज़ लगी थी कि पालमपुर बाजार के बीचों बीच एक खंभा बिल्कुल झुका हुआ है और उसे पर एक बहुत बड़ा बॉक्स लटका हुआ है जो कभी भी गिर सकता है और किसी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
खबर को लगाने के बाद डॉक्टर साहब को फोन किया गया उन्होंने तुरंत फोन है उठाया और दुकानदारों की मांग का संज्ञान लेते हुए कहा कि यह कार्य 2,3 दिन में पूरा कर दिया जाएगा ,समस्या हल हो जाएगी ।
डॉक्टर साहब ने शायद जिओ वाले को फोन किया और जिओ फाइबर वालों ने तीसरे दिन ही वहां से वह खंबा उठा दिया । प्रताप बाजार के आसपास के लोकल दुकानदारों ने कहा कि पिछले डेट दो वर्षों से इसके बारे में बार-बार जनप्रतिनिधियों और अन्य जिम्मेदार लोगों को बताया गया लेकिन कोई सुनवाई नही हुई कोई संज्ञान नहीं लिया गया ।न हीं यह कार्य किया गया ।
परंतु जैसे ही डॉक्टर आशीष शर्मा के संज्ञान में यह बात लाई उन्होंने तुरंत ही एक्शन लेते हुए संबंधित विभाग से बात करके इस खंबे को वहां से हटवा दिया। यहां के लोकल दुकानदार राजकुमार बंटा और अश्विनी सूद में बताया कि इतना क्विक एक्शन लेने वाला ऑफिसर उन्होंने पहली बार देखा ।
इसी तरह से ट्राई सिटी टाइम्स ने एक न्यूज़ लगाई थी कि टी बड होटल से लेकर न्यूगल कैफे चौक और नछिर चौक तक स्ट्रीट लाइट अंधेरा समाप्त होने के बाद भी सुबह 8:00 बजे तक जली रहती हैं ।डॉक्टर साहब ने इस पर भी तुरंत संज्ञान लेकर इन लाइटों को समय से बंद करवाने का इंतजाम कराया।
इस तरह से डॉक्टर साहब हर छोटी बात का संज्ञान स्वयं लेते हैं अधिकारियों को कर्मचारियों को आदेश देते हैं और समस्या का निराकरण कर देते हैं जो कि एक बिग बॉस की बहुत अच्छी निशानी है ।
अगर सभी प्रशासनिक और टेक्निकल ऑफिसर्स इसी तरह से हर छोटी-बड़ी समस्या का संज्ञान लें उसे पर तत्वरित कार्यवाही करें तो कोई कारण नहीं है कि लोगों को सरकार के प्रति कोई शिकायत रहे जनप्रतिनिधियों के प्रति कोई दुर्भावना पैदा हो, जिसकी वजह से जन प्रतिनिधियों को इलेक्शन में उसका खामियाजा ना भुगतना पड़े ।
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की बात करें यहां पर अगर यहां पर निगम के निकायों जनप्रतिनिधि लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान और हल तुरंत करते हैं और समस्याओं की ओर ध्यान दें तो कोई कारण नहीं है कि यहां के विधायक को किसी तरह का नुकसान उठाना पड़े ।
परंतु अगर वह इसी तरह से लेट लतीफी और लापरवाही के आलम रहा आलस में सोए रहे तो उसका नुकसान निश्चित रूप से आने वाले चुनाव में विधानसभा के कैंडिडेट को भुगतना पड़ सकता है। इसी तरह से नगर निगम के वोटर की कई छोटी-छोटी जन समस्याएं हैं जिन पर ना किसी बजट की आवश्यकता है और ना ही किसी अप्रूवल की बहुत छोटी-छोटी बहुत छोटे-छोटे अमाउंट की समस्याएं हैं जिस पर बेहद लापरवाही बरती जा रही है ही और लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
डॉ आशीष शर्मा की कार्यशाली और उनके कर्तव्य परायणता को सलाम