EDITORIAL:-*हिमाचल प्रदेश में ऊंची इमारतों के निर्माण की अनुमति: विकास या आपदा को न्योता?*
इतनी बड़ी और ऊंची इमारतों को बनाने के लिए सरकार को भूमि का चयन सही ढंग से करना ही पड़ेगा


हिमाचल प्रदेश में ऊंची इमारतों के निर्माण की अनुमति: विकास या आपदा को न्योता?

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में 18 से 20 मंजिला इमारतों के निर्माण की अनुमति देने का फैसला किया है। यह निर्णय राज्य में विकास की गति तेज करने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन यह कई सवालों और चिंताओं को भी जन्म दे रहा है।
इस तरह के भवनों के निर्माण से पर्यावरणीय संकट की आशंका तो है ही साथ ही हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरणीय संतुलन के लिए प्रसिद्ध है। ऊंची इमारतों के निर्माण से वनों की कटाई, जल संकट और कूड़ा-कचरे के प्रबंधन जैसी समस्याओं के बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इमारतों के लिए पहाड़ों की कटाई और भूमि के अधिक दोहन से पर्यावरण को स्थायी क्षति हो सकती है।
आपदा प्रबंधन की तैयारी पर सवाल उठना स्वभाविक है राज्य भूकंप के दृष्टिकोण से संवेदनशील जोन 5 में आता है। इस क्षेत्र में ऊंची इमारतों का निर्माण भूकंप की स्थिति में गंभीर आपदाओं को निमंत्रण दे सकता है। इसके अलावा, बढ़ते निर्माण कार्यों से बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं का खतरा भी बढ़ेगा। यह सवाल उठता है कि क्या राज्य सरकार आपदा प्रबंधन के लिहाज से पर्याप्त तैयारियां कर रही है।
इसके पीछे कुछ राजनीतिक और सामाजिक पहलू भी है ।विकास परियोजनाओं के पीछे अक्सर राजनीतिक दबाव और वोट बैंक की राजनीति होती है। इस निर्णय को लेकर स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों ने चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि सरकार को विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना चाहिए।
आम जनमानस का मानना है कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। स्थानीय समुदायों, पर्यावरणविदों और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों की राय लेकर दीर्घकालिक योजनाएं बनानी चाहिए। विकास जरूरी है, लेकिन यह पर्यावरण और लोगों की सुरक्षा की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
निष्कर्ष यह निकलता है कि:-
हिमाचल प्रदेश जैसे संवेदनशील क्षेत्र में विकास के नाम पर लिए गए इस प्रकार के निर्णय को केवल आर्थिक वृद्धि के दृष्टिकोण से देखना उचित नहीं होगा। सरकार को अपनी प्राथमिकताओं का पुनर्मूल्यांकन कर सतत विकास के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
इन चित्रों से आप साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर 18 से 20 मंजिल के बिल्डिंग ऐसे घने क्षेत्रों में बनेंगी तो इस क्षेत्र का क्या हाल होने वाला है, यह आप सहज है अंदाजा लगा सकते हैं, क्योंकि 20 मंजिलों को बनाने के लिए उसकी फाउंडेशन को तैयार करने के लिए बहुत बड़ी एरिया में खुदाई करनी पड़ेगी कंक्रीट डालनी पड़ेगी जिससे खतरा घटेगा नहीं बढ़ेगा ही बढ़ेगा।