पाठकों के लेख एवं विचार
*पाठकों के लेख एवं विचार ,लेखक,: संजीव गांधी आईपीएस*
एक खूबसूरत रचना लेखक: संजीव गांधी आईपीएस
एक शाम
बरसात के मौसम का रंग
बादलों
पर उकेरे ऐसे
दुल्हन कोई
गुलाबी रंग का
लिबास पहन
निकले जैसे
इन हरी भरी घाटियों से
कल कल पानी
रिसते जाए ऐसे
मरू मे भूले पथिक की
प्यास
पनिहारी बुझाए जैसे
मेघों पर इन्द्रधनुषी रंग बिखरे ऐसे
शुभ मंडल
पर सजाए
कोई सजीव मूर्तरूप जैसे
दिन बीता
या हम बीते
उलझन खुद उलझे ऐसे
हवा मे भटके
कोई तन्हा बादल जैसे
सब भूल
झूमे
विचार की उमंग ऐसे
गगन की ओर कदम बढ़ाए
कोइ पतंग जैसे
सागर की लहरे
पल पल बदले ऐसे
जीवन धाराप्रवाह
फूल बिखरे खूशबू जैसे।।।।