*क्या_देश_मे_भाजपा_के_मुकाबले_मे_कोई_पार्टी_नहीं_होगी*
18 सितंबर 2022- (#क्या_देश_मे_भाजपा_के_मुकाबले_मे_कोई_पार्टी_नहीं_होगी) –
मेरे इस ब्लॉग के शीर्षक को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस ब्यान के साथ जोडकर पढ़ा जाना चाहिए जिसमे गत दिनो उन्होने दावा किया था कि देश मे आने वाले दिनो मे केवल और केवल भाजपा का ही भविष्य है। उनका कहना था कि भविष्य मे केवल एक ही सशक्त राजनैतिक दल होगा और वह दल भाजपा होगी। अब उनके ब्यान के सच होने के साक्ष्य मिलने लगे है। क्योकि अभी तक भाजपा का मुकाबला करने मे सक्ष्म कांग्रेस मे भगदड मची है। अधिकांश नेताओ की अंतिम मंजिल भाजपा बनती जा रही है। अभी गोवा मे 8 विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा मे शामिल हो चुके है।
प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक की रिपोर्ट को सही माने तो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह जिन्होने दो बार पंजाब मे कांग्रेस सरकारो का नेतृत्व किया है शीघ्र ही भाजपा मे शामिल हो रहे है। रिपोर्ट के अनुसार उनके क्षेत्रीय दल पंजाब लोक कांग्रेस का भी भाजपा मे विलय कर दिया जाएगा। इसी अखबार की अन्य रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर के कद्दबार नेता और वहां के राजपरिवार के वंशज राजा कर्ण सिंह भी अपने आप को कांग्रेस मे असहज महसूस कर रहे है। उनका कहना है कि अब वह न तो संसद मे और न ही लम्बे समय से कांग्रेस के सम्पर्क मे है। अखबार का अनुमान है कि वह भी कांग्रेस को जल्दी ही अलविदा कह सकते है।
स्मरण रहे निकट भविष्य मे जम्मू-कश्मीर मे विधानसभा के चुनाव होना जा रहे है। वहां पर पहले ही पूर्व मे वरिष्ठ कांग्रेस नेता रहे गुलाम नबी आजाद भाजपा के साथ कथित तौर पर तकनीकी समझ बना कर राजनीति कर रहे है। हिमाचल मे भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर जो कि विलासपुर से सम्बंधित है कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र की घोषणा कर चुके है। भाजपा और कांग्रेस मे एक बुनियादी अन्तर है कि कांग्रेस नेतृत्व अपने कार्यकर्ताओ और नेताओ के नाराज होने या पार्टी छोड़कर जाने पर विचलित नही होता है। जब कि इसके विपरीत भाजपा अपने कार्यकर्ताओ और नेताओ को अपने साथ बनाए रखने का हर संभव प्रयास करती है। भले अब धीरे- धीरे उस प्रयास मे कमी आ रही है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।