*मोदी है तो मुमकिन है, परमार है तो पॉसिबल है’का नारा गूंज रहा है सुलह विधानसभा क्षेत्र में*
‘मोदी है तो मुमकिन है, परमार है तो पॉसिबल है’का नारा गूंज रहा है सुलह विधानसभा क्षेत्र में ।
विपिन सिंह परमार हिमाचल देश विधानसभा के अध्यक्ष हैं वर्तमान में सुलह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की ओर से प्रत्याशी हैं ।वह क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास करते रहते हैं इससे पूर्व में भी वह 3 मर्तबा यहां से विधायक मंत्री व रह चुके हैं । अपने इसी कार्यकाल में वह यहां से पहले स्वास्थ्य मंत्री के रूप में हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व कर चुके हैं तथा प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने में उनका अहम योगदान रहा है, विशेष रूप से कोविड काल में जिस तरह से उन्होंने हिमाचल स्वास्थ्य विभाग का नेतृत्व किया अपने विभाग के डॉक्टरों तथा नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य स्टाफ का हौसला बढ़ाया स्वयं रात रात भर जाग कर लोगों को अधिक से अधिक इलाज मिल सके इस बात को सुनिश्चित किया ।जनता को ऑक्सीजन या दवाओं के लिए इधर उधर ना भटकना पड़े इसके लिए उन्होंने अथक परिश्रम और मेहनत की ।
स्वास्थ्य विभाग में उन्होंने बहुत सी योजनाएं लागू की तथा स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए हर संभव प्रयास किए।
आज हिमाचल में जो भी स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध है उसमें विपिन सिंह परमार का एक अहम रोल है ।
विधायक के रुप में वह अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते ।बात चाहे सड़कों की हो, स्वास्थ्य सुविधाओं की हो , विद्युत विभाग की हो ,सार्वजनिक निर्माण विभाग की हो ,या प्रशासनिक अमले को बढ़ाने की बात हो वह अपने क्षेत्र में हर कार्यालय लेकर गए ।बहुत से शैक्षणिक संस्थान खोले तथा बहुत से शैक्षणिक संस्थानों को अपग्रेड करके विधानसभा क्षेत्र के बच्चों के लिए यह सुविधा दी ताकि उन्हें विधानसभा क्षेत्र से बाहर ना जाना पड़ेगा और अपने विधानसभा क्षेत्र में ही वह अच्छी से अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकें। इसी तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाए तो विधानसभा क्षेत्र में जो ग्रामीण स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं थी उन्हें सबडिवीजन लेवल से भी अधिक की सुविधाएं अपने ही विधानसभा क्षेत्र में उपलब्ध करवा दी ताकि लोगों को धर्मशाला पालमपुर कांगड़ा या चंडीगढ़ या हमीरपुर और शिमला के चक्कर ना लगाने पड़े। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए अथक प्रयत्न और प्रयास किए हैं, जिसे देखकर हिमाचल की अन्य विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी उनसे सीख लेने से नहीं हिचकते। आम मतदाताओं का कहना है कि अगर अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए समर्पण तथा कर्मठता का उदाहरण किसी ने सीखना हो तो वह विपिन सिंह परमार से सीखे कि अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए कैसे सरकार से लड़ झगड़ कर योजनाएं लाई जाती है तथा किस तरह से अपने क्षेत्र का विकास करवाया जाता है, यह विपिन सिंह परमार सीखने की आवश्यकता है।
इसीलिए तो सुलह विधान क्षेत्र में यह नारा पिछले कई वर्षों से गूंज रहा है कि मोदी है तो मुमकिन है और परमार है तो पॉसिबल है। क्योंकि जितना अधिक विकास विपिन सिंह परमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में करवाया है शायद ही हिमाचल के किसी विधानसभा क्षेत्र में हुआ होगा।