*जानिए हिमाचल प्रदेश के नए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के बारे में*
कल 11 दिसंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश में कॉंग्रेस की सरकार का गठन हुआ जिसमें मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शपथ ग्रहण की और वहीं पर मुकेश अग्निहोत्री ने भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की ।
इस शपथ ग्रहण समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने रिज मैदान पर दोनों ही नेताओं को शपथ दिलवाई । शपथ ग्रहण समारोह में अन्य गणमान्य लोगों के अलावा राहुल गांधी प्रियंका गांधी कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विषय में हम कल आपको जानकारी दे चुके हैं अब आज आपको उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के विषय में कुछ जानकारी दे रहे हैं।
मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना से संबंधित हैं तथा वह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार है।
मुकेश अग्निहोत्री का जन्म पंजाब के संगरूर मे 9 अक्टूबर 1962 को ओंकार नाथ जी के घर हुआ । उनकी पत्नी का नाम श्रीमती सिम्मी अग्निहोत्री है तथा उनकी एक बेटी है जिसका नाम आस्था अग्निहोत्री है ।उनके पिता भी राजनीति में रहे हैं तथा अग्निहोत्री के पिता ओंकार चंद शर्मा संतोष गढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ चुके है और 1998 में प्रदेश सरकार में एग्रो पैकेजिंग में उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
मुकेश अग्निहोत्री ने प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात गणित विषय में एमएससी तथा पब्लिक रिलेशन और एडवरटाइजिंग में पीजी डिप्लोमा किया।
राजनीति में आने से पहले मुकेश अग्निहोत्री एक पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे तथा वह पत्रकारिता में अपना नाम स्थापित कर चुके थे सन1987 से 2003 तक ऊना, शिमला और दिल्ली में एक दैनिक समाचार पत्र में विशेष संवादाता के रूप में कार्य करते रहे। इसी पत्रकारिता के कारण उनके संबंध के राजनेताओं से बन गए जिनमें वीरभद्र सिंह उनके काफी करीब आ गए तथा उन्हें कई अन्य नेताओं कभी सानिध्य मिला ।परंतु वीरभद्र सिंह से वह विशेष रूप से प्रभावित हुए और इसके चलते ही उन्होंने राजनीति में पदार्पण किया।
समाचार पत्र में विशेष संवादाता के रूप में कार्य करते हुए वे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हैं। अग्निहोत्री को राजनीतिक विरासत परिवार से मिली है। उनके पिता ओंकार चंद शर्मा ने 1998 में ऊना जिला की संतोषगढ़ सीट से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। अग्निहोत्री की राजनीतिक समझ को देखते हुए वीरभद्र सिंह ने साल 2003 में उन्हें संतोषगढ़ से चुनाव लड़ने को कहा और वो वहां से चुनाव जीत गए। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में भी अग्निहोत्री वहां से दोबारा जीतने में कामयाब रहे। साल 2008 में परिसीमन के बाद सन्तोषगढ़ हरोली विधानसभा सीट में तब्दील हो गया। मुकेश अग्निहोत्री तीसरी बार भी 2012 में यहां से ‘चुनाव जीतने में सफल रहे और वीरभद्र सरकार में मंत्री बने।
2017 के विधानसभा चुनाव में चौथी बार जीते और अब 2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से हारोली विधानसभा क्षेत्र से पांचवीं बार विधायक बने ।
अग्निहोत्री 2003 में सी पी एस बने। 2018 से 2022 तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता रहे। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए उन्होंने अपना रोल बखूबी निभाया तथा वह सरकार की हर असफलता को प्रमुखता से उठाते रहे उनकी छवि एक जुझारू तथा स्पष्ट वादी नेता के रूप में स्थापित हुई जनता के मुद्दे उठाना तथा जनता की समस्याओं का हल करवाना उनकी प्रमुख अजंडे में रहता था वह न केवल अपने विधानसभा क्षेत्र बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में कहीं भी किसी भी समस्या को प्रमुखता से उठाते रहे हैं और नेता प्रतिपक्ष का रोल बहुत सजगता से निभाते रहे है।
2022 के आम चुनाव में वह एक बार फिर से विधायक बने तथा मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हुए उन्हें हॉलीलॉज और अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त हुआ परंतु जब फैसला हाई कमांड को सौंपा गया तथा उन्हें उपमुख्यमंत्री पद का जिम्मा सौंपा गया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया और कल उन्होंने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की ।
उम्मीद है आने वाले समय में भी वह निवर्तमान कार्यकाल की तरह से पूरे हिमाचल का ख्याल रखेंगे पूरे हिमाचल की समस्याओं को अपनी समस्या समझेंगे और उन्हें शीघ्र अति शीघ्र सुलझाने में अपना योगदान प्रदान करेंगे
ट्राइसिटी टाइम्स की तरफ से उनको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।