*सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा)-* *MN Sofat*
12 दिसंबर 2022- (#सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा)-
रविवार को सुखविंदर सिंह सुख्खू को मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री को उप- मुख्यमंत्री की शपथ महामहिम राज्यपाल द्वारा दिलाए जाने के साथ भाजपा से कांग्रेस को सत्ता स्थानांतरण हो गई है। सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस मे भी बड़ा नेतृत्व परिवर्तन हो गया है। पिछले लगभग तीन दशक से कांग्रेस की भीतरी सत्ता होलीलाॅज के इर्द-गिर्द घुमती थी अब वह सत्ता समान्य परिवार से आए सुखविंदर सिंह सुख्खू के हाथ मे होगी। कांग्रेस मे नेतृत्व के मामले मे भाजपा की तर्ज पर पीढ़ी परिवर्तन भी हुआ है। जिस प्रकार 2017 मे धूमलजी और शांता कुमार जी की पीढ़ी से नेतृत्व नौजवान पीढ़ी के ठाकुर जय राम जी को मिला था उसी प्रकार कांग्रेस मे भी वीरभद्र सिंह जी की पीढ़ी से नेतृत्व नौजवान पीढ़ी को सौंप दिया गया है। आज तक कांग्रेस का नेतृत्व पुराने हिमाचल से था और भाजपा का नेतृत्व नये हिमाचल या नीचले हिमाचल से हुआ करता था, लेकिन जहां 2017 मे भाजपा का नेतृत्व पुराने हिमाचल मंडी को मिल गया था उसी तर्ज पर कांग्रेस का नेतृत्व इस बार नये या नीचले हिमाचल को स्थानांतरित हो गया है। स्मरण रहे अभी तक हिमाचल मे कांग्रेस के तीनो मुख्यमंत्री सर्वश्री वाई एस परमार, ठाकुर राम लाल और वीरभद्र सिंह पुराने हिमाचल से ताल्लुक रखते थे।
मेरे विचार मे यह जो परिवर्तन हुआ है यह राजनैतिक दृष्टि से राज परिवर्तन या सरकार परिवर्तन से अधिक महत्वपूर्ण है। इस परिवर्तन का अवलोकन यदि आप आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ जोड़कर करेगें तो इसका अर्थ सरलता से समझ आ जाएगा। खैर हिमाचल को नई सरकार और नये मुख्यमंत्री मिल गए है। नये मुख्यमंत्री के पास प्रशासनिक अनुभव नहीं है, क्योंकि होलीलाॅज से उनकी दूरियों के चलते उन्हे कभी भी वीरभद्र सिंह जी के मंत्री मंडल मे स्थान नहीं मिला था, लेकिन उनके पास संगठन और राजनीति का लम्बा अनुभव जरूर है। वह पांचवी बार के विधायक है। उनके साथ डिप्टी मुकेश अग्निहोत्री की अच्छे प्रशासक की छवि है जो उनके काम आएगी। सुखविंदर सिंह सुख्खू ने शपथ ग्रहण से पहले एक परिपक्व राजनेता का परिचय देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा प्रतिभा सिंह से शिष्टाचार वश भेंट की है। जिससे स्पष्ट है वह तालमेल से सरकार चलाने का इरादा रखते है। राजनैतिक विश्लेषकों के अनुसार मुख्यमंत्री और उप- मुख्यमंत्री एक ही संसदीय क्षेत्र हमीरपुर से सम्बंधित है इसलिए मुख्यमंत्री को अपने सहयोगी मंत्री चुनते हुए क्षेत्रीय सन्तुलन का विशेष ख्याल रखना होगा। स्मरण रहे कांग्रेस को सबसे अधिक समर्थन शिमला संसदीय क्षेत्र से प्राप्त हुआ है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगडा ने भी कांग्रेस को दस सीटें देकर बहुमत प्राप्त करने मे बड़ा सहयोग दिया है। अब राजनैतिक विश्लेषकों की नजर मंत्रीमंडल के गठन और मंत्रीमंडल के फैसलो पर होगी।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।