अभी_नई_सरकार_को_बनना_है_और_फिर_चलना_है !लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
27 दिसंबर 2022- (#अभी_नई_सरकार_को_बनना_है_और_फिर_चलना_है)–
हिमाचल की नई सरकार के मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर हिमाचल की जनता इतंजार कर रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा घोषित गारंटियां जनता के इतंजार और दिलचस्पी का मुख्य कारण है।हिमाचल की जनता को नई सरकार से खूब उम्मीदे है। आज कल इस बात को लेकर खूब चर्चा है कि कब सरकार बनेगी और कब चलेंगी। हालंकि कांग्रेस की जीत कांग्रेस की बड़ी उपलब्धि है, लेकिन सरकार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं मे वह उत्साह और जोश दिखाई नहीं दे रहा जिसकी इस जीत के बाद अपेक्षा थी। वैसे तो यह विवेचना का विषय है, लेकिन मेरे विचार मे इसका मुख्य कारण कांग्रेस द्वारा चुनाव मे किए गए भारी भरकम वायदे और उनको पुरा करने की चुनौती है। स्मरण रहे कांग्रेस ने ओ पी एस की मांग कर रहे कर्मचारियों से वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार दस दिन मे ओल्ड पैंशन स्कीम को लागू करेगी। यह बात नोट की जा सकती है कि दस दिन का समय समाप्त हो चुका है। अभी मंत्रीमंडल का गठन भी नहीं हुआ है जिसमे ओल्ड पैशन स्कीम को मंजूरी दी जानी है। मंत्रीमंडल की बैठक मे ही महिला भत्ता और तीन सौ यूनिट फ्री बिजली का निर्णय होना है।
नई सरकार इन निर्णयों को लेकर तो दबाव मे है, क्योंकि वर्तमान प्रदेश की आर्थिक संकट को देखते हुए इन निर्णयों को लागू करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है। नई सरकार अदानी ग्रुप द्वारा बरमाणा और दाड़लाघाट के सीमैंट प्लांट बंद करने को लेकर भी दबाव मे दिखाई देती है। इन प्लांटो के बंद होने के चलते लगभग 30000 लोगो के रोजगार खत्म हो सकते है। उधर भाजपा सरकार द्वारा खोले गए लगभग पांच सौ संस्थान कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिए है। भाजपा ने इस निर्णय को जन हित विरोधी बताते हुए इसके विरोध मे धरने- प्रदर्शन शुरू कर दिए है और सरकार पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। इन सब दबावों के बाद कांग्रेस सरकार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं मे उत्साह का गायब होना स्वभाविक है। फिर भी अभी सरकार पर कोई सटीक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। अभी सरकार के बनने और चलने तक इतंजार करना जरूरी है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।