*आशीष बुटेल एक किरदार :लेखक संजीव थापर*
*आशीष बुटेल एक किरदार :लेखक संजीव थापर*
बात 2017 की है , राजनीति का खेल दलों द्वारा पूरे दमखम से खेला जा रहा था । राजनीति के दांव पेचों के प्रहार एक दूसरे पर किए जा रहे थे । इन प्रहारों को सहने की क्षमता दोस्तो हर किसी में नहीं होती । इस राजनीतिक झंझावत में बड़ी कुशलता से नेतृत्व करते हुए एक नौजवान अपनी कश्ती को सफलतापूर्वक किनारे लगाने में सफल हुआ । दोस्तो जिस भगवा राजनीतिक तूफान ने समस्त राजनीतिक दल को अपने लपेटे में ले कर बड़े बड़े किलों को ध्वस्त कर दिया उसी तूफान की तीव्रता का मुकाबला करके वह नौजवान कलांतर में एक राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरा और प्रदेश की राजनीति में अपना परचम लहराया । वही नौजवान आज आशीष बुटेल के रूप में मुख्य संसदीय सचिव के पद और गोपनीयता की शपथ ले रहा है और मैं टी वी सक्रीन पर उसके सौम्य चेहरे को निहार रहा हूं , माथे पर हल्की सी प्रोढ़ता और बुद्धिमत्ता की रेखाएं भी दृष्टिगोचर हो रही हैं जो उसके जीवट , जीवंत और व्यवहार कुशल व्यक्तित्व को दर्शाती हैं । मैनें , दोस्तो, आशीष बुटेल जी के जीवन को बड़े करीब से देखा और पढ़ा है इस में सिवाय अच्छाइयों के बताने लायक कुछ भी नहीं है । धीमी आवाज में बात करना , सभी से मित्रता पूर्वक व्यवहार करना , मिलने आने वाले लोगों की कठनाइयों को समझना और उन्हें वांछित सहायता उपलब्ध करवाना और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को उचित मान सम्मान देना आशीष जी की खूबियों में शामिल है । एक बात और जो मैं विशेष रूप से बताना चाहता हूं कि मैंने कभी भी किसी विरोधी पार्टी के व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को आशीष बुटेल के विरूद्ध बोलते कभी नहीं सुना और राजनीति में रहते हुए यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है । पालमपुर वासियों का सौभाग्य है कि इन जैसा कुशल नेतृत्व हमें प्राप्त हुआ ।
लेखक संजीव थापर