*#हिमाचल_सरकार#लोगों_को_सस्ता_सीमेंट_देने_की_दिशा_मे_बढ़ेगी_आगे*
16 जनवरी 2023- (#हिमाचल_सरकार#लोगों_को_सस्ता_सीमेंट_देने_की_दिशा_मे_बढ़ेगी_आगे)-
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल सरकार लोगों को सस्ता सीमेंट उपलब्ध करवाने के लिए आगे बढ़ेगी। उन्होने कहा कि यह हैरानी की बात है कि प्रदेश मे बनने वाला सीमेंट दूसरे राज्यों मे सस्ता और अपने राज्य मे महंगा मिले। मुख्यमंत्री जी की यह हैरानी बिल्कुल तर्क संगत है। यदि सरकार हिमाचल के नागरिकों को सस्ता सीमेंट उपलब्ध करवाने के लिए योजना लाती है तो यह बात अभिनंदन योग्य होगी, लेकिन मेरी समझ मे मुख्यमंत्री जी की अभी पहली प्राथमिकता बंद पड़े ए.सी.सी और अम्बुजा के सीमेंट उद्योग को शुरू करवाने की होनी चाहिए। स्मरण रहे लगभग एक महीने से बरमाणा और दाड़लाघाट सीमेंट प्लांट ट्रांसपोर्ट के किराए के विवाद को लेकर बंद है। अफसरों के स्तर पर कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। अदानी कंपनी ट्रांसपोर्ट के भाड़े को कम करवाना चाहती है और ट्रक मालिक इसके लिए तैयार नहीं है। दोनो प्लांटो की तालाबंदी से लगातार ट्रांसपोर्टर्स और सीमेंट उद्योग से जुड़े लोगो का नुकसान हो रहा है साथ ही सरकार भी टैक्स से वंचित रह रही है।
अग्रेंजी दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार दोनो प्लांटो से सरकार को लगभग 1300 करोड़ रूपए प्रति वर्ष आय है। इसके अतिरिक्त अप्रत्यक्ष आय भी जरूर होगी।उधर हाईकोर्ट मे भी सीमेंट प्लांटो को लेकर सुनवाई 3 मार्च तक के लिए शीतकालीन अवकाश के चलते टाल दी गई है। जानकारों का कहना है कि डीजल पर तीन रूपए वैट बढ़ने से ट्रांसपोर्टर्स और सीमेंट उद्योग मे समझौता और मुश्किल हो गया है। खैर अब सब लोग इसके समाधान के लिए सरकार से उम्मीद कर रहे है। सरकार की सीमेंट और दूध पर सब्सिडी देने की योजनाएं तभी लागू हो सकेंगी जब सरकार के पास संसाधन होंगे। सीमेंट उद्योग से होने वाली आय का नुकसान बड़ा नुकसान है। मेरे विचार मे अब मुख्यमंत्री जी को स्वयं हस्तक्षेप कर इसका समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। जैसा मै पहले भी लिख चुका हूँ कि यदि आवश्यक हो तो मुख्यमंत्री जी इस विषय पर देश के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर उनको हस्तक्षेप करने का आग्रह भी कर सकते है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।