*नगर_निगम_सोलन_मे_कांग्रेस_पार्षदों_मे_सब_ठीक_नहीं* *महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
06 अप्रैल 2023- (#नगर_निगम_सोलन_मे_कांग्रेस_पार्षदों_मे_सब_ठीक_नहीं)-
सोलन के नगर निगम मे कांग्रेस पार्टी का बहुमत है और कांग्रेस पार्टी के पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर आसीन है, लेकिन कांग्रेस के पार्षदों का आपसी विवाद सर्वविदित है। प्रतिष्ठित हिदी दैनिक के अनुसार अब मामले का संज्ञान हिमाचल के मुख्यमंत्री ने लिया है। उन्होंने विवाद सुलझाने के लिए उद्योग मंत्री की अध्यक्षता मे तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। रिपोर्ट के अनुसार सोलन मे मेयर और डिप्टी मेयर के साथ कांग्रेस के चार पार्षदों का विवाद अक्तूबर माह से चला हुआ है। यह विवाद इतना बढ़ गया कि कांग्रेस के पार्षद भाजपा के सात पार्षदों के साथ मिलकर अपनी पार्टी के मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ अक्तूबर माह मे अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ गए थे। तकनिकी कारणों के चलते वह प्रस्ताव हाऊस मे पेश नहीं हो सका था। अभी हाल ही मे निगम की आम बैठक मे कांग्रेस की तीन महिला पार्षद निगम की मेयर पूनम ग्रोवर के साथ उलझ पड़ी। सोशल नेटवर्किंग मे वायरल वीडीओ मे एक-दूसरे के खिलाफ आरोप -प्रत्यारोप लगाते हुए देखा जा सकता था।
मेरी समझ मे कांग्रेस पार्षदों के आपसी वाद-विवाद के चलते नगर निगम का काम प्रभावित हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार सोलन की मेयर ने महिला पार्षदों के पतियों को नगर निगम के कामो मे दखल न देने के आदेश जारी किए है। इन आदेशों के कारण महिला पार्षदों की मेयर से नराजगी चल रही बताई जा रही है। मेरी समझ मे महिलाओं को निगम और अन्य स्थानीय संस्थाओं मे आरक्षण महिला शक्तिकरण के नाम दिया गया था। ताकि वह जनता के प्रतिनिधि बन अपना योगदान दे सके। कुछ मामलो मे महिला पार्षदों या महिला पंचायत प्रधानों का सारा काम उनके पति करते है। इस चलन को रोकने की जरूरत है। निगम चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी ने सस्ते पानी और मुफ्त कचरा उठाने का वायदा किया था। अभी तक प्रदेश मे भाजपा सरकार थी और कांग्रेस का कहना था कि भाजपा सरकार हमे सस्ता पानी देने की अनुमति नहीं दे रही है, लेकिन अब तो निगम भी कांग्रेस पार्टी का है और सरकार भी कांग्रेस पार्टी की है। मेरे विचार मे कांग्रेस के पार्षदों को आपसी लड़ाई और वाद-विवाद छोड़कर चुनाव मे किए गए वायदों को पुरा करना चाहिए।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।