Thursday, September 28, 2023
धार्मिक*27 अप्रैल 2023 को पालमपुर पधार रहीं "ब्रह्मा कुमारी शिवानी" जी...

*27 अप्रैल 2023 को पालमपुर पधार रहीं “ब्रह्मा कुमारी शिवानी” जी का संक्षिप्त जीवन परिचय*

Must read

 

1 Tct
Tct chief editor

27 अप्रैल 2023 को पालमपुर पधार रही  ब्रह्मा कुमारी शिवानी जी का संक्षिप्त जीवन परिचय

मनुष्य का जीवन अपने आप में एक रहस्य है, अक्सर हम इसके गहरे अर्थों को समझ नहीं पाते हैं। इसके कारण हताशा, तनाव व परेशानियाँ हमें घेर लेती है। ऐसे में मात्र कुछ ही लोग ऐसे होते है, जो इस जीवन की गहराइयों को समझकर अपने जीवन में बदलाव ला पाते है।

ऐसे ही लोगों में से एक है शिवानी वर्मा जिन्हें हम ब्रह्मा कुमारी शिवानी दीदी के नाम से जानते है।

शिवानी दीदी का जन्म व शिक्षा:/
ब्रह्मा कुमारी शिवानी का जन्म 31 मई 1972 में महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ। शिवानी शुरू से ही पढाई में बहुत तेज थी, वे हमेशा अपनी क्लास में टॉपर रहती थी।

स्कुल और कॉलेज के दिनों में शिवानी दीदी का अध्यात्म की तरफ जरा भी रूचि नहीं थी। इनका परिवार शुरू से ही प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्थान से जुड़ा हुआ था। लेकिन शिवानी का अध्यात्म की तरफ कोई खास रूचि नहीं थी, उनका मानना था की उन्हें इसकी जरुरत नहीं है।

सन 1994 में शिवानी दीदी ने पुणे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इसके बाद दो सालों तक भारती विद्यापीठ कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग पुणे में लेक्चरर के रूप में भी काम किया।

ब्रह्माकुमारी संस्थान में पूर्णतया समर्पित होने से पहले शिवानी दीदी की शादी हो चुकी थी। शिवानी के पति का नाम विशाल वर्मा है और अपने पति के साथ उनका अपना बिजनेस था। शिवानी दीदी का मानना हैं कि अध्यात्म कोई सामान्य जीवन से अलग जीवन नहीं है, बहुत से लोग इसे अलग जीवन की तरह देखते है।

सामान्यतया अधिकतर लोगों के जीवन में ऐसी कोई घटना या ऐसा कोई मोड़ आ जाता है जिससे वे विचलित होकर अध्यात्म की तरफ उन्मुख हो जाते है। लेकिन ब्रह्मा कुमारी शिवानी के जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं था।

इनके माता-पिता ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े थे और मैडिटेशन का अभ्यास करते थे, लेकिन इसके बावजूद भी शिवानी को इसमें जरा भी रूचि नहीं थी। इनकी माताजी की हमेशा इच्छा रहती थी की शिवानी को भी ब्रह्माकुमारी सेंटर जाना चाहिए और मैडिटेशन सीखना चाहिए।

शिवानी के बचपन में विद्रोही स्वभाव के कारण उनकी माताजी जितना उनको ब्रह्माकुमारी सेंटर में जाने को कहती वे इतना ही इससे दूर भागती। उनका मानना था कि मेरी वर्तमान ज़िन्दगी परफेक्ट है और मैं क्यों किसी के कहने से अपने वर्तमान जीवन में बदलाव करूँ? मुझे इसकी आवश्यकता नहीं है।

साल 2007 शिवानी का टीवी प्रोग्राम ‘अवेकनिंग विद ब्रह्माकुमारी’ (Awakening With Brahma Kumaris) की शुरुआत हुई। जीवन-दर्शन और अध्यात्म पर आधारित यह प्रोग्राम बहुत ही लोकप्रिय है, इस प्रोग्राम के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन में बदलाव आया है।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्विद्यालय संस्था
दुनियाभर में अध्यात्मिक अलख जगाने वाली संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना दादा लेखराज द्वारा की गयी। दादा लेखराज सिंध जो अभी पाकिस्तान में स्थित हैं, वहां के प्रसिद्ध हीरों के व्यापारी थे। संस्था के लोग दादा लेखराज को ब्रह्मा बाबा नाम से जानते हैं।

दादा लेखराज ने लोक कल्याण के उद्देश्य से सन 1936 को ब्रह्माकुमारीज संस्था की नीवं रखी। संस्था की शुरुआत कोलकाता से हुई थी, फ़िलहाल इसका मुख्यालय राजस्थान के माउन्ट आबू में स्थित है। यह संस्था भारत के साथ साथ विदेशों में भी लोगों में अध्यात्मिक अलख जगाने का काम कर रही है। पुरे विश्व में लगभग 8500 छोटी-बड़ी शाखाओं के रूप में यह संस्था कार्य करती है।

इस संस्था की अहम बात यह हैं यह महिलाओं द्वारा संचालित की जाती है, इसमें महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी भागीदार हैं। संस्था में महिलाओं को ब्रह्माकुमारी तथा पुरुषों को ब्रह्मकुमार नामों से जाना जाता है।

शिवानी दीदी को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जो इस प्रकार है

*सम्मानित पुरस्कार :*
🌹नारी शक्ति पुरस्कार : भारत सरकार
🌹दशक नारी पुरस्कार : एसोचेम नारी संस्था
🌺मनोनीत सद्भावना दूत- विश्व मानसिक रोग संस्था।

दीदी बी के ,प्रेम ,इंचार्ज  ब्रह्मा कुमारी सर्कल पालमपुर

Author

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article