Shimla/Solan/Sirmour

*साहित्य व रंगमंच समाज का दर्पण हैं जो वास्तविकता को अभिव्यक्त करते हैं, सुरेश भारद्वाज*

 

Bksood chief editor tct
शिमला, 31 जुलाई
साहित्य व रंगमंच समाज का दर्पण हैं जो वास्तविकता को अभिव्यक्त करते हैं। यह विचार आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने गेयटी थिएटर में संजीव बंसल द्वारा लिखित उपन्यास ’द टेस्ट ऑफ मिडनाइट’ का विमोचन तथा इसी उपन्यास का निशा लूथरा के निर्देशन में तैयार किए नाटक के मंचन के उपरांत अपने संबोधन में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि विचारों की अभिव्यक्ति के लिए साहित्य व रंगमंच सशक्त माध्यम है जो समय-समय पर समाज को सही दिशा दिखाने के लिए अपने जिम्मेदारियों को निभाता रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में अनेक प्रख्यात अभिनेताओं द्वारा अपने नाटकों का मंचन किया था। गोथिक शैली में निर्मित यह थिएटर विश्व के दुर्लभ रंगमंच प्रेक्षागृह में से एक है जो कि धरोहर विरासत के रूप में शिमला नगर के साथ-साथ प्रदेश के लिए अनुपम कृति है।
उन्होंने कहा कि शिमला सांस्कृतिक काशी के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सांस्कृतिक व रंगमंच गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की गई है। प्रत्येक मुख्यालय स्तर पर प्रेक्षागृह का निर्माण सुनिश्चित किया गया है ताकि कलाकार अपनी कला की अभिव्यक्ति करने में सक्षम हो।
उन्होंने संजीव बंसल को उनके उपन्यास के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी कलाकारों द्वारा बहुत ही उत्कृष्ट अभिनय का प्रदर्शन नाटक के माध्यम से किया गया।
उन्होंने निर्देशक निशा लूथरा को प्रभावी निर्देशन के लिए बधाई दी।
कार्यक्रम में प्रख्यात स्तंभकार लेखक श्रीनिवास जोशी ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि शिमला पूर्व में साहित्य सभाओं व गोष्ठियों का केंद्र रहा है। अनेक साहित्यिक पुरोधाओं ने शिमला में रहकर बहुत सी रचनाओं को जन्म दिया।
कार्यक्रम में चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष बलकार सिद्धू, प्रख्यात लेखक व सेवानिवृत्त प्रोफेसर उषा बांदे भी कार्यक्रम में उपस्थित थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button