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*पाठकों के लेख एवं रचनाएं – लेखक सोना सूद काउंसलर नगर निगम पालमपुर*
*रहता हूं किराये की काया में,**
*रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूँ।*
*मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी,*
*बातें मैं महल मिनारों की कर जाता हूँ।*
*जल जायेगी ये मेरी काया एक दिन,*
*फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूँ।*
*मुझे पता हैे मैं खुद के सहारे श्मशान तक भी ना जा सकूंगा*
**इसीलिए जमाने में दोस्त बनाता हूँ!*