Uncategorized

*बहुत ही अच्छा निर्णय :गरीब_सवर्णों_के_लिए_10_प्रतिशत_आरक्षण_पर_सुप्रीम_कोर्ट_की_मुहर*

1 Tct
Tct chief editor

09 नवम्बर 2022- (#गरीब_सवर्णों_के_लिए_10_प्रतिशत_आरक्षण_पर_सुप्रीम_कोर्ट_की_मुहर)-

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में दाखिलों और सरकारी नौकरियों मे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई. डब्ल्यू.एस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें सविधांन संशोधन की वैधता को 2 के मुकाबले 3 मतों के बहुमत से बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले मे कहा कि ई डब्ल्यू.एस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय सविधांन पीठ ने केन्द्र द्वारा 2019 मे लागू किए गए 103वें सविधांन सशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली 40 याचिकाओं पर फैसला सुनाया है। खैर इस निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अभिनंदन होना चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह आरक्षण निधारित अधिकतम 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन नहीं करता है।

समाज में गरीब आदमी की स्थिति भी अभिशाप है। किसी को केवल इसलिए आरक्षण या अन्य सुविधाओं से वंचित रखना कि आप ने सवर्ण जाति मे जन्म लिया प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है, क्योंकि आपने किस जाति मे लिया है यह आपके हाथ मे नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का विभाजित निर्णय आया है, लेकिन कोर्ट के बहुमत के इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होगें। मेरे विचार मे गरीब की कोई जाति नहीं होती। सरकार को अंतिम पायदान पर बैठे हर उस व्यक्ति की सुध लेनी चाहिए जो गरीब और असहाय हो। शायद इसी सिद्धांत के आधार पर 2019 मे 103वें संविधान संशोधन को लागू किया गया था। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट की भी मुहर लग गई है। इस संशोधन और कवायत का श्रेय केन्द्र की मोदी सरकार को जाता है।

Mohinder Nath Sofat

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button