EditorialMandi/ Palampur/ Dharamshala

*चंडीगढ़ की रेहडी मार्केट में प्रशासन की दखलअंदाजी*

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*चंडीगढ़ की रेहडी मार्केट में प्रशासन की दखलअंदाजी*

#bksood चंडीगढ़ प्रशासन ने शास्त्री मार्केट 22c बाहर लगने वाली मार्केट पर पाबंदी लगाई हुई है । यहां रोजी रोटी कमाने के लिए मजबूर लोग यहां पर सड़क किनारे फड़ी लगाते हैं । कुछ लोग थेलों में सामान भर कर लाते हैं ।कुछ लोग पुलिस के डंडे खाते हैं और कुछ लोग अपना सामान ग्राहकों के हाथ में छोड़ कर भाग जाते हैं। क्योंकि पुलिस प्रशासन का इतना डर है कि वह लोग पुलिस प्रशासन के डर से अपना सामान छोड़कर वहां से भागने को मजबूर हो जाते हैं।
इन गरीब लोगों का विरोध किस लिए हो रहा है ?क्या इन लोगों को रोजी-रोटी कमाने का हक नहीं है? क्योंकि हमारे मौलिक अधिकार हमें यह हक देते हैं कि हम भारत के किसी भी कोने में जाकर अपना रोजगार करें अपना घर बनाये नौकरी करें हमें कोई रोक नहीं सकता ।परंतु कुछ जगहों पर बिल्कुल इसके विपरीत होता है ।
चंडीगढ़ की 22 की मार्केट ने शास्त्री मार्केट के नाम से ग्राहकों में खूब पेठ बनाई है ।वहां पर इतनी अधिक भीड़ होती है कि तिल धरने की भी जगह नहीं होती ।जबकि बाहर जो रेगुलर शोरूम है वहां पर बहुत कम ग्राहक जाते हैं कारण कि बाहर बहुत सस्ता माल मिलता है और बड़े-बड़े शोरूम के लोग भी अपनी दुकानों के बाहर ही फ़ड़ी वालों की तरह माल बेचने के लिए मजबूर है ।परंतु 22 की मार्किट के शोरूम वालों को यह भी सोचना चाहिए कि 22 में अगर यहाँ जो आज रौनक है तो वह इन रेहड़ी फड़ी वालों की वजह से ही है ,क्योंकि चंडीगढ़ के बड़े-बड़े मार्केट फेल हो चुकी हैं या होने के कगार पर है क्योंकि बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल आ गए हैं और ऑनलाइन शॉपिंग बहुत बढ़ गई है ,तो अगर 22 की मार्केट में भीड़ है तो वह यह इन रेहड़ी फड़ी वालों की ही वजह से है।
इनका विरोध नहीं इनको सहयोग की जरूरत है।

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