*2022_जा_रहा_है_और_2023_आ_रहा_है* MN SOFAT EX MINISTER*
31 दिसंबर- (#2022_जा_रहा_है_और_2023_आ_रहा_है)-
नव- वर्ष की पूर्व संध्या पर सभी पाठकों को आने वाले नव-वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
2022 जाते-जाते हमे नई सरकार दे कर गया है। 2023 नई सरकार और मुख्यमंत्री जी के लिए निश्चित तौर पर एक चुनौतीपूर्ण वर्ष होगा। इस वर्ष मे ही यह तय होगा कि क्या नई सरकार अपने घोषणापत्र के वायदे पूरे करेगी ? सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के नये मुख्यमंत्री है। वह एक स्वयं निर्मित व्यक्ति है जो जमीनी स्तर से ऊपर उठे है। यह सर्वविदित है कि उनका कांग्रेस दिग्गज नेता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह जी के साथ हमेशा ही छत्तीस का आंकडा था। इसी कारण वह कभी मंत्री नहीं बन सके। उनके पास संगठन का अपार अनुभव है लेकिन प्रशासन कौशल की खोज अभी बाकी है। राजनैतिक विश्लेषकों को यह बात हैरान कर रही है कि तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी कैबिनेट की कोई निश्चित तिथि की खबर नहीं आ रही है। इस सरकार को अगर कैबिनेट विस्तार के लिए इतना समय लग रहा है तो घोषणाएं पुरी होने के समय का अनुमान लगाना कोई मुश्किल नहीं है। उम्मीद है कि नव-वर्ष के पहले सप्ताह मे मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा और कैबिनेट की पहली बैठक मे ओ.पी.एस, महिलाओं के मासिक भत्ते और तीन सौ यूनिट मुफ़्त बिजली पर कैबिनेट की मोहर लग जाएगी।
विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस ने चुनावों मे भारी भरकम वायदे किए है और राज्य का खजाना खाली है। हिमाचल राज्य के संसाधन इतने नहीं है कि सारे वायदे एक दम सरकार पुरे कर सके। मै मितव्ययिता और संसाधन जुटाने के लिए बनाई गई समिति का अध्यक्ष रह चुका हूँ। मेरी समझ के अनुसार हिमाचल मे एक दम संसाधन बढ़ाने की बहुत ही कम संभावनाएं है, लेकिन मितव्ययिता की अपार संभावनाएं है। लेकिन मै यह बात जिम्मेवारी के साथ कह सकता हूँ कि शांता कुमार जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार जिसने मितव्ययिता समिति का गठन किया था के बाद कोई भी सरकार फिजूल खर्ची रोकने को लेकर गंभीर नहीं रही। अब उत्साही नौजवान के नेतृत्व मे कांग्रेस सरकार बनी है और मुख्यमंत्री जी एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आते है और उन्हे कांग्रेस द्वारा किए गए वायदे पुरे करने है तो उन्हे जहां प्रदेश सरकार की आय के संसाधन बढ़ाने होंगे वहीं सरकार की फिजूल खर्ची पर लगाम लगानी होगी। विनम्रतापूर्वक निवेदन है कि उन्हे यह शुरुआत अपने और अपने सहयोगी मंत्रियो से करनी होगी।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।