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*Editotial*सरेआम हत्याएं और मूकदर्शक समाज ,तमाशबीन भीड़ बेखौफ अपराधी* *16 साल की लड़की को गोदता रहा हैवान, पत्थर से कुचला सिर, चुपचाप देखते रहे लोग*

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चाकू से 16 साल की लड़की को गोदता रहा हैवान, पत्थर से कुचला सिर, चुपचाप देखते रहे लोग

 

हमारा समाज किस ओर जा रहा है हम वीडियो बनाने में व्यस्त रहते हैं 10 मिनट का वीडियो बना लेंगे लेकिन 2 मिनट के कॉल नहीं करेंगे पुलिस को नहीं बुलाएंगे। क्या यह लोगों के दिल में पुलिस के प्रति खोफ है, शिकायत करने पर पुलिस की परेशानियों का डर उन्हें सताता है कि वह पुलिस को फोन नहीं  क्या इसीलिए वे किसी भी भयावह घटना की रिपोर्ट नही करते किसी भी घटना की सूचना नहीं देते उससे होने वाली परेशानियों के कारण वे कोई पंगा नही लेते है, या लोग संवेदनहीन हो गए हैं वे तमाशबीन बन गए हैं।

दिल्ली से एक दिल झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में 16 साल की नाबालिग की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई. घटना सड़क के बीचों बीच हुई. पब्लिक देखती रही और उधर आरोपी चाकू से नाबालिग पर वार करता रहा. पूरी घटना CCTV में कैद हो गई है. घटना 28 मई की है.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, साहिल नाम के लड़के पर हत्या का आरोप है. साहिल और नाबालिक लड़की अच्छे दोस्त थे, लेकिन किसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों ने बात करना बंद कर दिया. इसके बाद जब लड़की अपनी दोस्त नीतू के बेटे के बर्थडे में जा रही थी, तभी उसपर हमला कर दिया गया.

CCTV कैमरे के अनुसार, साहिल ने लड़की को रास्ते में रोका. फिर उसपर कई बार चाकू से वार किया और पत्थर से भी हमला किया. पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है. हालांकि आरोपी साहिल  को गिरफ्तार कर लिया है. यहां पर यह बात उल्लेखनीय है कि अक्सर लोग ऐसी घटनाओं पर मुक़दर्शक बन कर रह जाते हैं और कोई भी व्यक्ति पुलिस को या प्रशासन को सूचना देने की जहमत नहीं करता।

इसके दो ही कारण हो सकते हैं या तो लोग संवेदनहीन हो चुके हैं या फिर वह रिपोर्ट करने पर पुलिस की परेशानियों से बचना चाहते हैं। क्योंकि अगर आप किसी भी घटना की रिपोर्ट पुलिस को करते हैं तो पुलिस आपको बार-बार पुलिस स्टेशन बुलाकर छानबीन करती है आपसे कई तरह के प्रश्न करते हैं स्वाल करते हैं ताकि वह घटना की तह तक जा सके ।लेकिन अगर कोई राहगीर कहीं से गुजर रहा है और उसने कहीं पर कोई घटना देखी और उसकी सूचना है पुलिस को देता है तो इसमें उसकी गलती नहीं मानी चाहिए बल्कि उस घटना के आधार पर  सूचना के आधार पर ही पुलिस को छानबीन करनी चाहिए ।

पुलिस अपनी जगह सही हो सकती है परंतु हमारे कानून में कुछ ऐसा प्रावधान होना आवश्यक है कि कोई  इंसान भी अगर इस तरह की किसी घटना की सूचना पुलिस को देता है तो उससे ज्यादा परेशान  ना किया जाए उसे बार-बार तलब न किया जाए ।

हालांकि कानूनों में कुछ सुधार हुआ है फिर भी अभी भी बहुत से सुधार की आवश्यकता है जिस हिसाब से हमारी टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है उस हिसाब से सूचना देने वाले या शिकायतकर्ता को अगर थोड़ी सी भी सिक्योरिटी मिल जाए उसे परेशानी से बचने का रास्ता मिल जाए ऒर उसे परेशान ना किया जाए तो सूचना और प्रौद्योगिकी के इस युग में किसी भी घटना को छुपाया या भटकाया नहीं जा सकता ।अब ये विधान  के हाथ में है कि वह इस पर शीघ्र संज्ञान ले. महिलाओं के प्रति इस तरह की असंवेदनशील घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं जिसमें श्रद्धा मर्डर केस शिमला का गुड़िया मर्डर केस

.NCRB के मुताबिक़,की एक रिपोर्ट के अनुसार कुल 19 महानगरों में रिपोर्ट किए गए अपराधों में 32.2 प्रतिशत मामले दिल्ली से आए. दिल्ली के बाद मुंबई और बेंगलुरु Crime Against Women में दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं. क्रमशः 12.7 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत. जिसमें अपहरण के 3,948 मामले
पतियों द्वारा क्रूरता के 4,674 मामले
नाबालिग लड़कियों के रेप के 833 मामले
महिला की गरिमा के अपमान से जुड़े 2022 मामले हैं। हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि अगर कोई व्यक्ति किसी भयावह घटना की सूचना या वीडियो पुलिस को प्रेषित करता है तो उसकी पहचान /आईडेंटिटी को गुप्त रखा जाना चाहिए वह किसी भी हालत में उन अपराधियों के हाथ नहीं लगनी चाहिए, जिससे कि आम नागरिक बेखौफ होकर पुलिस को सूचना प्रदान कर सकें और पुलिस तुरंत एक्शन मोड में आकर अपराधियों को पकड़ सके और उन्हें सजा दिलवा सके. और अपराधों की संख्या कम हो सके अपराधियों के दिलो-दिमाग में कानून का डर पैदा हो फांसी देने से इतना फर्क नहीं पड़ेगा जितना सूचना देने से

 

 

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