Editorial*मासूम_बच्चे_की_दुर्लभ_जैनेटिक_बीमारी_इलाज_पर_खर्च_आएगा_17.5_करोड़* *महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*



24 अप्रैल 2023- (#मासूम_बच्चे_की_दुर्लभ_जैनेटिक_बीमारी_इलाज_पर_खर्च_आएगा_17.5_करोड़)-
कभी कल्पना नहीं की थी कि एक मासूम बच्चे को ऐसी दुर्लभ बिमारी हो सकती है और उसके इलाज के लिए उसके मध्यवर्गीय परिवार को 17.5 करोड़ रूपए की जरूरत हो सकती है। स्मरण रहे दिल्ली के रहने वाले 14 महीने के कनव दुर्लभ जैनेटिक बीमारी से पीड़ित है। जब मेरी नजर प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक के प्रथम पृष्ठ के उस विज्ञापन पर पड़ी जिसमे ” लैटस सेव कनव ” अभियान के अंतर्गत आर्थिक सहयोग की अपील की गई थी। विज्ञापन पढ़ने के बाद जिज्ञासावश विस्तृत जानकारी के लिए मीडिया रिपोर्ट का अवलोकन किया। यह एक जैनेटिक बिमारी है जो हमारे शरीर की अधिकांश गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार नसों को नष्ट कर देती है। कनव का इस समय दुर्लभ बीमारी का इलाज चल रहा है। एम्स नई दिल्ली की डाक्टर शेफाली गुलाटी और सर गंगाराम अस्पताल की डाक्टर रत्ना दुआ पुरी कनव का इलाज कर रही है। इस बीमारी का एकमात्र एक बार का इलाज जोलजेन्समा नामक एक जीन थैरपी है जिसकी लागत 17.50 करोड़ यानि 2.1 मिलियन अमरीकी ड़ॉलर है। इतना भारीभरकम खर्च और कनव के माता पिता अमित और गरिमा एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से आते है, फिर भी उन्होने हिम्मत नहीं हारी और एक एन.जी.ओ कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से इंजेक्शन की कीमत जुटाने का प्रयास कर रहे है। याद रहे स्विस कंपनी नोवार्टिस यह इंजेक्शन बनाती है।
अच्छी खबर यह है कि आज भी समाज मे लोग संवेदनशील है और इस नेक काम के लिए समर्थ लोगो के सहयोग से 9 करोड़ रूपए जुटा लिए गए है। बच्चे की जान बचाने के लिए 12 संसद सदस्यो ने भी सहयोग दिया है, लेकिन अभी भी मंजिल दूर है और अभी 8.50 करोड़ की जरूरत है। जो दानी सज्जन दान दे रहे है वह साधुवाद के पात्र है, लेकिन मेरे विचार मे प्रधानमंत्री रिलीफ फंड और मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से भी इस काम के लिए मदद ली जा सकती है। जो सांसद इस काम के लिए आगे आए है उनके प्रभाव से यह काम सहजता से हो सकता है। ईश्वर उस मासूम बच्चे पर अपनी अनुकंपा बनाए रखेगा इस उम्मीद के साथ #आज_इतना_ही कल फिर नई कडी के साथ मिलते है।