पाठकों के लेख एवं विचार
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*यह जो लड़कियां हैं न आपकी यह नाजुक उम्र में ही छोड़ जाती हैं आपके घर, शहर और गांव*
यह जो लड़कियां हैं न आपकी यह नाजुक उम्र में ही छोड़ जाती हैं आपके घर, शहर और गांव यह…
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*दरकते पहाड सिसकती नदिया:- निवेदिता परमार*
दरकते पहाड सिसकती नदिया । आज मुझे 2007 की यादे सीने को छलनीं कर रही हैं ।काश किसी ने स्वर्गीय…
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*बेटियां* सभी बेटियो को समर्पित खास कर मणिपुर की बेटियां
सभी बेटियो को समर्पित खास कर मणिपुर की बेटियां (बेटियां) शर्मसार कर दिया आज फिर बेटियो को बेलिबास कर…
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*भारतीय खान पान*
हम सब लोग बाजार में , ढाबों मे , रेस्तरां में , होटलों में , मिठाइयां , फल सब्जियां बाजार…
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*#बादलों_को_तो_अब_फटना_ही_है #हेमांशु_मिश्रा*
#बादलों_को_तो_अब_फटना_ही_है #हेमांशु_मिश्रा बादलों को तो अब फटना ही है मिट्टी के आंगन अब पेवर से लाल पीले सफेद रंग…
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*’पेयजल’ लेखक उमेश बाली*
पेयजल भारत के हर शहर हर गांव की समस्या है पीने का पानी। हर जगह कुछ इलाके ऐसे हैं जहां…
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*भीड़ तंत्र: लेखक उमेश बाली*
भीड़ तंत्र आप सभी मेरे पाठक क्या यह महसूस नहीं करते कि यह देश भीड तंत्र में प्रवर्तित हो रहा…
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