*जाति और वर्ण व्यवस्था के बारे मोहन भागवत के बयान पर मचा सियासी बवाल*
*जाति और वर्ण व्यवस्था के बारे मोहन भागवत के बयान पर मचा सियासी बवाल*
जाति और वर्ण व्यवस्था के बारे मोहन भागवत के बयान पर सियासी बवाल मचा हुआ है, वहीं पर कई ब्राह्मण संगठनों ने इस विषय पर अपनी टिप्पणी व विरोध दर्ज किया है। पालमपुर की ब्राह्मण सभा ने भी इस विषय पर अपना रोष दर्ज किया है तथा सभा के अध्यक्ष शांति स्वरूप शर्मा ने प्रेस नोट जारी करके कहा है कि समाज की हर बुराई के लिए ब्राह्मणों को घसीटना अच्छी बात नहीं है ।
उधर वरिष्ठ लेखक और चिकित्सक डॉक्टर लेखराज शर्मा ने भी कहा है कि जाति व्यवस्था को ब्राह्मणों को दोषी ठहराना गलत बात है,। ब्राह्मण हमेशा स्वच्छ और स्वस्थ समाज की कल्पना करता है ना कि वह समाज में द्वेष या भेदभाव उत्पन्न करने की चेष्टा करता है।
डॉक्टर लेखराज ने कहा है कि
ब्रह्मण सभा कांगड़ा ” पालमपुर ” के आदरणीय सदस्यों का विरोध बिल्कुल जायज और स्वागत योग्य है कि ” जातियां भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई हैं , इस विरोध के लिए मैं भी सभा के सदस्यों के साथ हूं और बड़ी हैरांनिगी तो इस बात की है कि ये टिप्पणी स्वयं सेवक संघ के प्रमुख द्वारा की गई और ये वो संस्था है जो अनुशाशन और मर्यादित भाषा के लिए जानी जाती है उन्होंने कहा कि सभा के सभी सदस्यों का ये सुझाव भी स्वागत योग्य और विचारणीय है कि जाति शब्द हटा कर केवल हिंदू का ही प्रयोग किया जाए। डॉ लेख राज ने कहा कि मोहन भागवत जी को सभा के सदस्यों का अनुरोध तुरंत स्वीकार कर माफी मांग लेनी चाहिए ताकि समाज में बढ़ती दरार रुक जाए और आपसी भाई चारा बना रहे।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण हमेशा से लोगों में भाईचारा और सद्भावना बनाए रखने की चेष्टा करते हैं और कुछ लोगों को यह बात हजम नहीं होती और वह अपने राजनीतिक लाभ के लिए जाति का सिक्का उछाल कर अपना मतलब कल करना चाहते हैं।