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*Tricity times evening news bulletin 05 July 2022*

Tricity times evening news bulletin 05 July 2022
ट्राई सिटी टाइम्स प्रमुख संध्या समाचार
05 जुलाई 2022

संकलनकर्ता :नवल किशोर शर्मा
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1) अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सशस्त्र बलों में भर्ती संबंधी केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले ससाह सुनवाई करने के लिए सहमत गया है।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के बाद शीर्ष अदालत के फिर से खुलने पर याचिकाओं को उक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा !

2) ऑस्ट्रेलियाः प्लेन में छेद फिर भी नहीं रोकी उड़ान

14 घंटे बाद यात्रियों को पता चला

कैनबरा : दुबई से उड़ान भरने वाली एक फ्लाइट 14 घंटे बाद ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन पहुंची तो यात्रियों ने देखा कि प्लेन में एक बड़ा छेद है। फ्लाइट के उड़ान भरने के 45 मिनट बाद धमाके की आवाज सुनी दी थी। स्टाफ से पूछा गया तो उन्होंने गड़बड़ी से इनकार किया। ‘हालांकि, फ्लाइट में फूड सर्विस रोक दी गई। लैंडिंग से पहले कहा गया कि प्लेन दूसरे रनवे पर उतर रही है।

3) लालू यादव की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में भर्ती

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद सोमवार तड़के उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चिकित्सकों के अनुसार लालू का ब्लड शुगर लेवल बढ़ गया है। इसके कारण ही विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं लालू यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है।

4) बिजली कर्मचारी 13 जुलाई को पटियाला हैड ऑफिस पर करेंगे विशाल रोष प्रदर्शन

स्टेट कमेटी के आहवान पर पीएसपी/टीसीएल पैंशनर्ज एसोसिएशन के सदस्यों ने अबोहर श्रीगंगागनर मार्ग पर स्थित पंजाब राज्य पावर कारपोरेशन के गेट के बाहर रैली की। इस अवसर पर वक्ताओं ने मांगों के बारे में बताते हुए कहा कि डीए की किश्तों का बकाया दिया जाये, 1-1-2016 के बाद का बकाये का एरीयर दिया जाये, पक्की भर्ती की जाये, 2.59 के साथ गुणा करके पैंशन बढाई जाये, बिजली की रियायत दी जाये, पैंशन बढाई जाये, मैडीकल भत्ता 2000 रूपये किया जाये, छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट तुरंत लागू की जाये, पंजाब सरकार द्वारा किये गये सारे वायदे पूरे किये जायें आदि शामिल है। वक्ताओं ने बताया कि अगर मांगे पूरी नहीं की तो 13-7-22 को बडी संख्या में पटियाला हैड आफिस पर धरना दिया जायेगा।

5) पंजाब के मोगा में कोर्ट परिसर में बदमाशों के बीच भयानक फायरिंग

पेशी पर आए दो गुटों में हुई झड़प, एक गुट ने कोर्ट परिसर में की हवाई फायरिंग, चश्मदीदों के मुताबिक 10 से 15 राउंड फायरिंग की गई, जिससे पूरे परिसर में अचानक भगदड़ मच गई ।

6) पंजाब के 8 सीनियर IPS अफसरों का अचानक तबादला, ट्रांसफर लिस्ट देख कर विपक्ष ने इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया ।

7)राजनेताओं को क्लीन चिट से पंथ नेता संतुष्ट नहीं, विपक्ष ने भी मान सरकार पर उठाए सवाल!

चंडीगढ़ : 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं में राजनीतिक लोगों को क्लीन चिट देने से कई पंथक नेताओं में रोष है। कारण यह है कि जिस रिपोर्ट को शनिवार को सीएम भगवंत मान ने पंथक नेताओं को सौंपा है, वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में ही पूरी हो चुकी थी और उसमें 2020 में ही डेरा प्रमुख गुरमीत को नामजद कर लिया गया था। बहिबल कलां व कोटकपूरा गोलीकांड की जांच इस रिपोर्ट में नहीं है। पंजाब में 2015 में डेरा सिरसा के गुरमीत को श्री अकाल तख्त साहिब से माफी देने और हुक्मनामा वापस लेने के बाद से लगातार श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से संगत के दिलों में गहरे जख्म बन गए थे, जो अब भी ताजा हैं। 12 अक्तूबर 2015 को फरीदकोट के गांव बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप की बेअदबी का मामला सामने आया था। इसके खिलाफ प्रदेशभर में रोष प्रदर्शन हुए और मुख्य सड़कों पर चक्का जाम किया गया। एक जून 2015 को बरगाड़ी से सटे गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से पावन ग्रंथ का स्वरूप चोरी किया और इसके बाद 24-25 सितंबर 2015 की रात को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में ही गुरुद्वारा साहिब के बाहर अश्लील शब्दावली वाला पोस्टर लगाकर पुलिस प्रशासन व सिख संगत को चुनौती दी गई। 14 अक्तूबर 2015 को बरगाड़ी से ही सटे गांव बहिबल कलां में बेअदबी को लेकर सिख संगत के शांतिपूर्ण धरने को जबरन उठाने के लिए पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें दो सिख नौजवानों गांव नियामीवाला के किशन भगवान सिंह और गांव सरावां के गुरजीत सिंह की मौत हो गई। इसी दिन बहिबल कलां से पहले कोटकपूरा के मुख्य चौक पर भी चल रहे धरने को पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उठवाया और पुलिस के लाठीचार्ज व फायरिंग से करीब 100 लोग घायल हुए। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 15 अक्तूबर को केस की जांच पंजाब पुलिस के डायरेक्टर ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन इकबालप्रीत सिंह सहोता की अध्यक्षता में एसआईटी बनाने और पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस जोरा सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया। 16 अक्तूबर को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने 14 अक्तूबर की घटनाओं के संदर्भ में पुलिस की तरफ से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का एलान किया। पंजाब पुलिस की तरह उसकी एसआईटी भी आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही। हालांकि एसआईटी ने 20 अक्तूबर 2015 को सिख जत्थेबंदियों से जुड़े गांव पंजगराईं खुर्द से संबंधित दो भाइयों को केस में शामिल होने के आरोपों के तहत पकड़ा, लेकिन कई दिन रिमांड में रखने के बाद भी वह उनके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाई। आखिरकार उन्हें केस से डिस्चार्ज करना पड़ा। एसआईटी के विफल रहने पर बैकफुट पर आई राज्य सरकार ने नवंबर 2015 में यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के हवाले कर दिया। लंबी छानबीन के बाद इस केस में सीबीआई के हाथ खाली रहे। जस्टिस जोरा सिंह आयोग ने भी पड़ताल के बाद 30 जून 2016 को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी लेकिन सरकार ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया। 2017 में जब सत्ता बदली और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव के समय किए गए वादे के मुताबिक 14 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस रणजीत सिंह की अध्यक्षता में जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया। आयोग ने बेअदबी की सभी घटनाओं की जांच के बाद 16 अगस्त 2018 को रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी। इस रिपोर्ट को पंजाब सरकार ने 27 अगस्त 2018 को पंजाब विधानसभा में पेश कर दिया। जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के बाद 28 अगस्त 2018 को पंजाब विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर बेअदबी की जांच सीबीआई से वापस लेने की घोषणा कर दी थी, जिसका 6 सितंबर 2018 को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया था। उधर, हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान और बरगाड़ी केसों की पैरवी करने वाले पंथक नेता बलजीत सिंह दादूवाल का कहना है कि जो रिपोर्ट सीएम भगवंत मान ने पंथक नेताओं को शनिवार को सौंपी है, वह तो 21 अप्रैल 2022 को सार्वजनिक हो चुकी है। अदालत में चालान पेश हो चुका है, जिसकी कॉपी तो मेरे पास भी आ गई थी। बात यह है कि पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली नेताओं को बचाया, अब यह सरकार बचा रही है। जिस एसआईटी की रिपोर्ट का चालान पेश किया गया है, उसके एक बड़े हिस्से की जांच तो रणबीर सिंह खटड़ा ने की थी, जिसके बेटे को अकाली दल ने टिकट दी थी। बुनियाद ही बादल परिवार को बचाने के लिए रखी गई थी, इसलिए खटड़ा की कमेटी बनाई गई थी। बादल परिवार सीधे तौर पर बेशक श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी करने का दोषी न हो, लेकिन गुरमीत की पीठ पर बादल परिवार का पूरा हाथ था। इसके बाकायदा सबूत हैं। 2012 में गुरमीत के खिलाफ केस को बादल सरकार ने वापस लिया। श्री अकाल तख्त साहब से गुरमीत को बादल परिवार ने माफी दिलाई। 2012 में बठिंडा में डेरे के श्रद्धालुओं की एकत्रता में बादल परिवार ने कई वादे किए थे। गुरमीत को कस्टडी में लाकर पूछताछ की जाती तो सच सामने आ जाता कि उसकी पीठ पर किसका हाथ था और किसने उसको पनाह दे रखी थी? क्या पनाह देने वाला गुनाह का भागीदार नहीं होता? पर अफसोस कैप्टन सरकार ने बादल परिवार को बचाने के लिए कार्य किया। एसजीपीसी की सदस्य बीबी किरणजोत कौर का कहना है कि सीएम भगवंत मान को यह रिपोर्ट सिखों की संसद एसजीपीसी को सौंपनी चाहिए थी। अमरीक सिंह अजनाला सिख कौम का सिरमौर नहीं है, जिसको रिपोर्ट सौंपी गई है। हमारी सर्वोच्च संस्था एसजीपीसी है। इसमें कोई शक नहीं कि गुरमीत को बचाने के लिए पुरानी सरकारें यत्न करती रही हैं। इसमें अकाली दल या बादल परिवार का प्रत्यक्ष रूप से कोई हाथ नहीं है, क्योंकि एक राजनीतिक पार्टी वोट बैंक के लिए सबकुछ करती है। वहीं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने आरोप लगाया है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार बरगाड़ी बेअदबी मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है। बेअदबी पर एसआईटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए, प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल किया है कि धार्मिक नेताओं को रिपोर्ट सौंपना मामले की सत्यता की पुष्टि नहीं करता और वास्तविकता यह है कि आप केस को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे हैं। रविवार को जारी एक बयान में वड़िंग ने कहा कि आप सरकार ने लोगों की उन सभी उम्मीदों को धोखा दिया है, जो उसे सत्ता में लेकर आए। उन्होंने इसके गंभीर परिणामों की सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यह मामला विश्व भर में बसने वाले करोड़ों सिखों और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को मानने वालों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। आप सरकार तत्कालीन अकाली सरकार के रास्ते पर चल रही है, जिसने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की थी। जिस तरह अकालियों ने केस को रफा-दफा करने के लिए सीबीआई के हवाले कर दिया था, ठीक उसी तरह आप ने रिपोर्ट को लिखा है, जो असली गुनाहगारों को बरी करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर से उसी जगह पहुंच गए हैं, क्योंकि अकाली जो न कर सके, उसे आप ने उन सभी को क्लीन चिट देकर कर दिया है, जिनके बारे में सारा पंजाब जानता है कि वे ही बेअदबी के गुनाहगार हैं।

8) सनातन धर्म के मूल्यों के विरुद्ध महाकाली को सिगरेट पीते हुए दिखाने के लिए ग्रेट मास्टर और सेना भर्ती प्रशिक्षण के माहिर प्रसिद्ध अभिनेता शौर्य भारद्वाज शीफुजी ने फिल्म निर्मात्री लीना मणिमेकलाई पर किया मुकद्दमा।

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